भोपाल। कोरोना वायरस महामारी की चपेट में आज पुरी दुनिया है। ऐसे में आमजनों की आर्थिक स्थिति पर खासा असर हुआ है। तो वहीं साख सहकारी बैंक में लोगों की जमा पुंजी भी उनका सहारा नहीं बन पा रही है। इसी बीच 36 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता सोमेश्वर पाटीदार जिन्होंने मां गायत्री मंदिर सरोवर के विकास के लिए आंदोलन किया व कुक्षी को जिला बनाने के लिए अब भी प्रयासरत है। वे 12 जुलाई को अपनी समस्याओं को लेकर सायकल से सफर तयकर सीएम हाऊस भोपाल पहुंचे।
यहां उन्होंने मुख्यमंत्री को बैंक के घोटाले सम्बंधित मामले से अवगत करवाकर खाताधारकों को तत्काल जमाराशि वापस देने के लिए मांग की। उन्होंने बताया कि लोग अपना ही पैसा यहां से निकलवाने में परेशान हो रहे हैं। दरअसल धार जिले में 9 शाखाओं में संचालित थी राजेन्द्र सूरी साख सहकारिता मर्यादित बैंक जिसमे आवर्ती जमा, बचत जमा, फिक्स डिपॉजिट योजना में लोगों ने अपनी मेहनत का पैसा जमा करवाया था।
जमाकर्ताओं ने यह राशि अपने सुरक्षित भविष्य व कइयों ने बच्चों की पढ़ाई व भरण पोषण, किसी ने बीमारी व बच्चों की शादियों जैसे अतिआवश्यक कार्यों के लिए राशि जमा करवाई थी जो अब तक नही मिली है। जमाकर्ताओं द्वारा जमा राशि निकालने के लिए विगत वर्षों से बैंक की शाखाओं के चक्कर लगाते रहे, परन्तु जब बैंक शाखाएं चालू थी तब उपस्थिति कर्मचारियों द्वारा बैंक में पैसा नही होना, जिम्मेदार व्यक्ति नही होने के बहाने बनाकर जमाकर्ताओं को बेवकूफ बनाते रहे। यहीं नहीं जमाकर्ताओं को खातों की जानकारी व लिखित में जवाब भी नहीं दिया गया।
बैंक में लोगों के पैसों को ना लौटाने का यह व्यवहार तो दिसंबर 2018 से ही चल रहा है। बैंक के संचालक मंडल अध्यक्ष ने बैंक के सभी खातेदारों को दिसम्बर 2018 तक आंशिक राशि लौटाने का वचन दिया था। लेकिन समय आने तक बैंक के कर्मचारियों का बैंक की शाखा में आना बंद हो गया और कुछ समय बाद तो बैंक के ताले खुलना भी बंद हो गए थे। ऐसे में जमाकर्ताओं ने थानों पर आवेदन देकर प्रकरण दर्ज करवाया था। बावजूद इसके अब तक बैंक की शाखाओं में जमा पैसा कई खाताधारकों को अब तक नही मिला है। बैंक के जमाकर्ताओं की भी आर्थिक स्थिति लॉकडाउन के दौरान बिगड़ी और कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। यदि इस विकट परिस्थिति में खुद का जमा पैसा भी इन्हें मिल जाता तो आर्थिक संकट से जूझना नही पड़ता।