अफगानिस्तान से भारत आए पीड़ित और अनाथ बच्चों का जिम्मा लेंगे समाजसेवी 

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नई दिल्ली। 15 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान में अपना कब्ज़ा जमा लिया था जिसके बाद से ही लोग देश छोड़ना चाह रहे है। वहीं तालिबानी कब्जे के बाद से आए दिन हालात और बिगड़ते ही जा रहे हैं। वहीं अब स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि लोग बिना सामान लिए देश छोड़कर भाग रहे हैं। दुनिया भर की निगाहें अफगानिस्तान की और है। वहां जिस तरह के हालत बने है उससे सबसे बड़ा खतरा बच्चो पर है। अफगानिस्तान में हर दिन खौफ का माहौल और बढ़ता जा रहा है और हालत और गंभीर होती जा रही है।

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वहीं इस खौफ के बीच कई लोग अपने बच्चों को विदेशी सैनिकों को भी सौंपते हुए नजर आए। अफगान के अलग-अलग शहरों में फंसे भारतीयों को सुरक्षित देश लाने के कार्य में भारत सरकार मुस्तैदी से जुटी हुई है। बता दें कि, अब उज्जैन के पास नागदा के रहने वाले एक समाजसेवी मनोज राठी ने अफगानिस्तान छोड़कर आए अफगानी नागरिक और हिन्दुस्तानियों के अनाथ हुए बच्चों की 21 साल तक पूरी परवरिश की बात कही है।

राठी ने बताया की कई हिन्दू और सिक्ख परिवार बेघर हो गए, कई बच्चो के माता पिता उनसे बिछड़ चुके हैं अगर ऐसे भी कोई बच्चे हिन्दुस्तान में आते हैं तो और उनके रहने की व्यवस्था नहीं होती तो उन बच्चों की भी पूरी व्यवस्था जिसमे रहना खाना और पढ़ाई का खर्च भी मोहन श्री फाउंडेशन उठाने को तैयार है।
इस मुश्किल दौर में राठी ने मानवता की मिसाल पेश की है और वे अपने ही नहीं बल्कि दूसरे देश से आये बच्चो को भी रखने को तैयार है। उनकी 21 होने तक सम्पूर्ण व्यवस्था की जिम्मेदारी भी ले रहे हैं।

राठी ने बताया की जिस तरह से टीवी पर रोजाना दिख रहा है की अफगानिस्तान में हालात खराब हैं अगर वहां से भारत में आकर कोई बच्चा रहना और पढ़ाई करना चाहता है तो नागदा का मोहन श्री विधायपीठ उनके लिए खुला है।