देशभर में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण अभियान शुरू हुआ है जिसके तहत अब तक करीब लाखों लोगों को को टीका लगाया जा चूका हैं। ऐसे में अब बताया जा रहा है कि 0.18 फीसदी लोगों यानी करीब एक हजार लोगों में ही दुष्प्रभाव पाए गए हैं। वहीं 0.002 फीसदी लोग ऐसे हैं, जिन्हें वैक्सीन लगने के बाद दोबारा अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी है। जी हां, जैसा की आप सभी को पता है टीकाकरण का अभियान काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
वैसे ही साइड इफ़ेक्ट के केस भी लगातार सामने आ रहे हैं। इसको लेकर हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बताया गया है कि सभी स्वास्थ्यकर्मियों को आगे आकर कोरोना का टीका लगवाना चाहिए, वैक्सीन को लेकर जितनी भी गलत बातें बताई जा रही हैं उनपर ध्यान नहीं देना चाहिए। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने भरोसा दिलाया कि देश में जिन दो वैक्सीन को मंजूरी मिली हैं, वो बिल्कुल ठीक हैं।
ख़बरों के मुताबिक, कुछ दिनों पहले ही टीका लगवाने के बाद दो व्यक्तियों की मौत की बात भी सामने आई थी, हालांकि बाद में सरकार ने अपने बयान में कहा कि मौत का टीका लगने से कोई संबंध नहीं है, ये बात पोस्टमॉर्टम में साफ हुई है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा पहले बताया गया था कि किस सेशन में कौन-सी वैक्सीन दी जानी है, ये पूरी तरह से राज्य सरकार पर निर्भर है। अभी तक उत्तर प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्य हैं जहां लक्ष्य को तेजी से पूरा किया जा रहा है। बता दे, लक्षद्वीप, सिक्किम, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, राजस्थान अभी ऐसे राज्य हैं जहां पर 71 फीसदी से अधिक लक्ष्य को पूरा किया गया है।