आबिद कामदार
Indore। जीवन में हर किसी के कठिनाइयां, संघर्ष और दुख आता जाता रहता है, कभी समस्या होने से मन दुखी होता है, अंतरमन के इस दुख दुविधा के समाधान के लिए हम अपना दुखड़ा भगवान के दरबार में व्यक्त करते है, और दुख दुविधा से छुटकारे के लिए मनोकामना करते है, लेकिन माता रानी के इस दरबार की मान्यता है कि, मन दुखी हो फिर भी खुश रहने से मां कालका के दरबार में बिगड़े काम बनते है, शहर के इंदौर वायर चौराहे पर स्थित मां कालका माता मंदिर के पुजारी नवीन जी दुबे बताते है कि माता रानी के दरबार में मुस्कुराने से काम बनते है, यह हमारा 18 साल का अनुभव है। माता रानी सब जानती है, आप मुकुराएंगे तो काम जल्दी बनते है।
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एक निमंत्रण के लिए तो 11 से 51 नारियल चढ़ाते है श्रद्धालु
माता रानी के दरबार में श्रद्धालु निमंत्रण के लिए एक नारियल बांधते है, वहीं मनोकामना पूरी होने पर 51 नारियल तक पेश करते है, मंदिर के पुजारी बताते है कि एक दिन के लगभग दो सो से तीन सो नारियल श्रद्धालु चढ़ावे के रूप में मंदिर की जालियों और पिलर पर बांध देते है, इन नारियलो को प्रसाद के रूप में बांट दिया जाता है।
सौम्य स्वरूप है माता रानी का
मां कालका (Maa kalka) के ज्यादातर आपने रौद्र रूप देखे होंगे, लेकिन यहां माता रानी का सौम्य स्वरूप है, वहीं मूर्ति लगभग साढ़े नो फीट की है। भगवती के इस मंदिर में लगभग 30 किलो धूप रोज जलती है। मंदिर में सात्विक पूजन किया जाता है।कोई नारियल तो कोई माता रानी के दरबार में मुर्गे चढ़ाते है लेकिन यहां बली विधान नहीं किया जाता है, उन्हें खुला छोड़ दिया जाता है।
दरबार में चढ़ाए मुर्गों को ना तो कोई जानवर पकड़ता है, ना कोई ले जाता है
दरबार में चढ़ाए मुर्गों को कोई नहीं ले जाते है, अगर गलती से किसी के पीछे चले जाए तो वह आधी रात हो या दूर हो छोड़ने आते है, कई लोग आधी रात को भी छोड़ने आते है।