जिस उम्र में बच्चे अपनी दैनिक राशि से अपने शोक पूरे करते है वही नन्ही काव्या बच्चो के लिए प्रेरणा स्त्रोत्र बनी। गुर्दे के मरीजों की वेदना को देख और समझ कर नन्ही बेटी काव्या जैन ने अपनी उम्र से ज्यादा सोच के साथ डायलिसिस के लिए सेवा देने का कार्य किया, उन्होंने भगवान् महावीर डायलिसिस सेंटर में सहयोग राशि प्रदान करी।
स्वच्छता प्रहरी और नन्ही महापौर के नाम से अपनी पहचान बना चुकी काव्या ने कथक नृत्य से अमेरिका की ट्रांसओसियाना वर्ल्ड रिकार्ड्स के साथ साथ कई प्रदेश और राष्ट्रीय पुरूस्कार प्राप्त किये है। इंदौर की गीतकार पलक मुछाल को अपनी आदर्श मानने वाली काव्या भी गुर्दे के मरीजों के लिए अपनी कला ओर लोगो से राशि एकत्रित कर सेवा कार्य में लगाना चाहती है। इस अवसर पर प्रसिद्द समाज सेवी रवि बापना, रमेश मंत्री, जयेश कोठारी उपस्थित थे। आभार प्रवीण जैन ने माना।
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