क्या आप देर रात तक कमरे की रोशनी जलाकर सोने की आदत रखते हैं? यह आदत आम लग सकती है, लेकिन नए अध्ययनों के अनुसार, यह आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है, खासकर टाइप 2 डायबिटीज के विकास के खतरे को बढ़ा सकती है।
2024 में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि रात में रोशनी में सोने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 28% तक बढ़ सकता है। यह अध्ययन ऑस्ट्रेलिया के फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया था और द लैंसेट रिजनल हेल्थ-यूरोप जर्नल में प्रकाशित हुआ था। अध्ययन के मुख्य लेखक डॉ. एंड्रयू फिलिप्स कहते हैं, “हमने पाया कि रात में तेज रोशनी के संपर्क में रहने से टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने का खतरा अधिक होता है।”
लेकिन, रोशनी में सोने से डायबिटीज का खतरा क्यों बढ़ता है?
शोधकर्ताओं का मानना है कि रात में रोशनी हमारे शरीर की प्राकृतिक नींद-जागने की लय को बाधित करती है। यह लय मेलाटोनिन नामक हार्मोन के उत्पादन को नियंत्रित करती है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
जब हम अंधेरे में होते हैं, तो हमारा शरीर अधिक मेलाटोनिन का उत्पादन करता है। लेकिन, जब हम रोशनी में होते हैं, तो मेलाटोनिन का उत्पादन कम होता है। इससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है और टाइप 2 डायबिटीज के विकास का खतरा बढ़ सकता है।
तो, आप क्या कर सकते हैं?
अगर आप अपनी सेहत को बेहतर बनाना चाहते हैं और टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम करना चाहते हैं, तो रात में रोशनी में सोने से बचना चाहिए।