Skanda Sashti: स्कंद षष्ठी व्रत आज, इस विधि से करें पूजा, पूरी होगी पुत्रप्राप्ति की मनोकामना

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भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष (bhadrapad month shukla paksha skanda sashti) की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी मनाई जाती है। भगवान स्कंद (lord skanda) को मरुगन (marugan) और कार्तिकेय (kartikeya) के नाम से भी जाना जाता हैं। स्कंद षष्ठी (skanda sashti) के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा (kartikeya puja) करना शुभ माना जाता है।

Skanda Shashti 2020: कार्तिक षष्ठी को हुआ था भगवान कार्तिकेय का जन्म, जानें  महत्व, पूजन विधि, शुभ मुहूर्त - Skanda shashti date importance vrat pujan  vidhi shubh muhurat of shiv parvati son

भक्त इस दिन भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान की उपासना करने से उनके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इतना ही नहीं, कहते हैं ये व्रत करने से पुत्रप्राप्ति की इच्छा भी पूरी होती है। बता दें कि कार्तिकेय भगवान शिव के बड़े पुत्र (lord shiva son kartikeya) हैं और दक्षिण भारत (sounth india) में भगवान स्कंद काफी प्रसिद्ध देवता हैं। स्कंद षष्ठी को कंद षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है।

July 2021 Skanda Sashti: आज है स्कंद षष्ठी, जानें तिथि, व्रत एवं पूजा विधि  तथा महत्व

स्कंद षष्ठी पूजा मुहूर्त 
भाद्रपद, शुक्ल षष्ठी तिथि प्रारम्भ – 11 सितंबर को शाम 07:37 बजे से
भाद्रपद, शुक्ल षष्ठी तिथि समाप्त – 12 सितंबर को शाम 05:20 बजे तक

स्कंद षष्ठी व्रत विधि
-सुबह जल्दी उठें और घर की साफ-सफाई करें।
-इसके बाद स्नान-ध्यान कर सर्वप्रथम व्रत का संकल्प लें।
-पूजा घर में मां गौरी और शिव जी के साथ भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा को स्थापित करें।
-पूजा जल, मौसमी फल, फूल, मेवा, कलावा, दीपक, अक्षत, हल्दी, चंदन, दूध, गाय का घी, इत्र आदि से करें।
-अंत में आरती करें।
-वहीं शाम को कीर्तन-भजन पूजा के बाद आरती करें।
-इसके पश्चात फलाहार करें।

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स्कंद षष्ठी का महत्व
कहते हैं ये तिथि भगवान कार्तिकेय को अधिक प्रिय है। इस दिन उन्होंने दैत्य ताड़कासुर का वध किया था। भगवान स्कंद को चंपा के पुष्फ अधिक प्रिय हैं इसलिए इसे चंपा षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं कि अगर कोई भक्त पुत्र प्राप्ति की मनोकामना के साथ स्कंद षष्ठी का व्रत रखता है तो भगवान उनकी मनोकामना जरूर पूर्ण करते हैं। स्कंद षष्ठी तमिल हिंदूओं में अधिक प्रसिद्ध है।

पूजा का मंत्र 
देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।
कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥