टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक की तलाश में सिंधु, बोली- मेरे लिये सभी प्रतिद्वंद्वी प्रमुख

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नई दिल्ली : साइना नेहवाल की तरह पी.वी.सिंधु ने भी बचपन में ही अपनी प्रतिभा का एहसास करा दिया था, साइना की तरह ही पूर्सला वैंकट सिंधु के माता-पिता ने भी सिंधु के लक्ष्य की रुपरेखा बनाई, पिता पी.वी.रमन्ना के पूर्व अंतरराष्ट्रीय वालीबॉल खिलाड़ी होने से वे खेल की बारिकियों और जरुरतों से रुबरु थे, सिंधु ने सरताज अकादमी द्वारा इंदौर में 2005 में आयोजित अखिल भारतीय नकद इनामी रैंकिंग बैडमिंटन स्पर्धा में 10वर्ष बालिका वर्ग का खिताब हासिल किया, अब 16 और सालों में वह दुनिया की टाँप खिलाड़ियों में शुमार हो गई है, 2016 रियो ओलंपिक में रजत पदक के बाद विश्व टूर सुपर खिताब हासिल किया और 2019में विश्व विजेता भी बन गई, इस बार सिंधु टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण की तलाश में गई है, तो दोबारा ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनने को बेताब है।

विश्व विजेता पी.वी.सिंधु ने टोक्यो रवानगी से पहले स्मैश से बातचीत में धर्मेश यशलहा को बताया कि वह इस बार अपनी तैयारियों से संतुष्ट है और पदक के लिए हर संभव कौशिश करेंगी, आप टोक्यो में अपना प्रमुख प्रतिद्वंद्वी किसे मानती है ? सिंधु-मेरे लिये सभी खिलाड़ी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी हैं, सभी अपनी पूरी तैयारी से आते है, समूल लीग में इजरायल की क्सैनिया पोलिकार्पोवा के बाद हांगकांग की चेयुंग नगान यि है, फिर प्रि क्वार्टर फाइनल डेनमार्क की मिया ब्लिचफेल्ड से है, मेरे क्वार्टर फाइनल में जापान की अकाने यामागुची आ सकती है, फिर सेमीफाइनल में दूसरा क्रम प्राप्त चीनी-ताईपेई की ताई त्झु यिंग या थाईलैंड की रत्चनोक इन्तेनान है,यहां त पहुंचने के बाद चीन की चेन युफेई या जापान की नोझ ओकुहारा है, मैं हर एक मैच की तैयारी कर उसे जीतना चाहती हूँ।

सवाल-कोरियाकी प्रशिक्षक किम जि हयुन की कोचिंग में विश्व खिताब जीता, अब प्रशिक्षक बदल गया है ? सिंधु -यह कोरियाई प्रशिक्षक पार्क ताई सांग भी बहुत बढिया है, जनवरी में थाईलैंड की 3सुपर टूर स्पर्धाओं के बाद अपने खेल में सुधार कर मैं स्विस स्पर्धा का फाइनल और आँल इंग्लैंड के सेमीफाइनल में खेली हूँ, वे खिलाड़ियों के खेल की परिस्थितियों के हिसाब से माहौल बताकर तैयारियां कराते है
सवाल-गोपीचंद एकेडमी से गोचीबाउली इनडोर स्टेडियम प्रेक्टिस के लिये चुना? सिंधु- स्पर्धा बडे इनडोर स्टेडियम में होती है, टोक्यो ओलंपिक जैसे बडे और ए.सी.स्टेडियम में अभ्यास जरूरी था, इसीलिए हमने गोचीबाउली इनडोर स्टेडियम को चुना, हमें फायदा भी मिला है
सवाल-तब(रियो)और अब (टोक्यो)क्या फर्क महसूस करती है?

सिंधु-तब किसी को मुझसे पदक की उम्मीद नही थी, अब सबकी निगाहें मेरे जीतने पर है, इस बार कोरोना काल की वजह से अभ्यास के लिये ज्यादा समय मिला है, स्किल्स सुधार पर कोच ने ध्यान दिया है सवाल-महिला फीजियो इवान्गिलने बादाम साथ ही रुकेगी? सिंधु-हाँ, यह बहुत जरुरी है, वे मेरे साथ ही है, पास ही होने से कभी भी उनकी सेवाओं का फायदा मिल जायेगा, सवाल-रिकवरी उपकरण भी आपको तत्काल उपलब्ध करा दिया गया है,इसकी क्या जरूरत है?

सिंधु-इसका खिलाड़ी के लिए काफी महत्व है, केंद्र शासन और भारतीय खेल प्राधिकरण , बी.ए.आई. ने रिकवरी किट चाहते ही उपलब्ध करा दी , इसका बहुत फायदा मिलेगा, इसमें कम्प्रेशन, आइस, टेम्प्रेचर सभी की व्यवस्था रहती है, टफ मैच होने शरीर थकान आदि से शरीर में फूर्ति लाने में बहुत मददगार है, मेरी मांग पर एक दिन में ही ले आये सवाल-चीन के खिलाड़ी कोरोना काल में किसी स्पर्धा में नहीं खेले है, उनके खेल के बारज में मिलेम नही वे कैसा खेल रहे है? सिंधु-आँल इंग्लैंड मार्च के बाद तो कोई भी खिलाड़ी कहा खेला है, सभी को स्पर्धाओं में खेलने का अवसर नही मिला हैं, सभी वीडियो फुटेज से खिलाड़ियों के खेल का आंकलन कर रहे हैं।

सवाल-भारत से उम्मीदे?
सिंधु -सभी ने कडी मेहनत की है, हम सब बेहतर खेल कर अपना श्रेष्ठ देने की कौशिश करेंगे, इस बार भारत को पदकों की अधिक आशा हैं
32वें ओलंपिक खेल 23जुलाई से शूरु हो रहे हैं, बैडमिंटन मुकाबले 24जुलाई से शुरु होगें।
* धर्मेश यशलहा
सरताज अकादमी
” स्मैश “