इंदौर: राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के लिए भारत सरकार द्वारा बनाए गए ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल सोमवार, 18 जनवरी 2021 को दोपहर 12 बजे इंदौर प्रेस क्लब में ‘प्रेस से मिलिए’ कार्यक्रम में शामिल होंगे और मीडिया के साथियों से चर्चा। कामेश्वर चौपाल 1989 में राम जन्मभूमि पर शिलान्यास करने वाले पहले दलित व्यक्ति हैं। इनके सान्निध्य में बिरसा मुंडा अभियान वनवासी क्षेत्रों में लोकप्रिय हुआ। वनवासी क्षेत्रों में राम जन्मभूमि अभियान को जन-जन तक पहुंचाने में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। चौपाल ने कहा कि विहिप एवं संघ ने 1984 में धर्म संसद की बैठक में निर्णय लिया कि संतो के निर्देशन में राम मंदिर आंदोलन चले यह निर्णय लिया।
पहली बैठक में निर्णय हुआ राम जन्मभूमि पर ताला लगा है उसे खुलवाने के लिए प्रेशर बनाया जाए। चौपाल ने कहा कि राम का कनेक्शन सीता की भूमि सीता मड़ई से यात्रा निकाली और अयोद्या पहुचे बाद में कई रेलिया निकलीपर उसी दौरान इंदिरा जी की हत्या हो गयी तो यात्रा भी बंद की गई पर बाद में सड़क से सांसद तक यह रेलिया निकाली। 3 लाख सेअधिक राम शिलाएं अयोद्या पहुची जो देश का संकल्प था , भावना ही प्रधान है जिसने देश को आजादी दिलाई वैसे ही राम के प्रति जो भाव है उसी के लिए अभियान के तहत मेरा दौर मध्यप्रदेश में है और आज इसी अवसर पर इंदौर पहुचे 15 अगस्त से 27 फरवरी तक अभियान बौद्ध गया से शुरू किया है 42 दिन चलेगा ,परसुराम भूमि और महू बाबा अम्बेडकर जन्म स्थली पहुंचें।
चौपाल ने बताया कि हमने किसी सम्प्रदाय को अलग नही किया जिसका जन्म इस भूमि पर हुआ में स्बा सहभागी है जो देना चाहते है वे भी दे सकते है अभी प्रारम्भ। हुआ है स्बा आगे आ राहै है। समर्पण का अंदाज हम नही लगा सकते हनुमान का सामर्थ अनुसार पहाड़ उठा लिया खुद के सामर्थ अनुसार लोग दे रहे है। मंदिर मतलब केवल मंदिर नही उसके पीछे कई आयाम आएंगे शोध संस्थान बने, वह साधु संत जाए और प्रवचन के लिए सभागार बने , कोई संग्रहालय बने राम का क्या क्या था वो सब देखें लोग, इसमें जो कलेक्शन हो रहा है उसके लिये हर स्तर पर समिति बानी है संग्रह करता और जमा करता डोर टू डोर जा रहे है और उसी दिन पैसा बैंक में जमा होगा 3 बैंको के माध्यम से किया जा रहा है, सोसायटी एक्ट के तहत डोनर को आयकर में छूट मिलेगी, हर समिति के साथ एक व्यक्ति अकाउंट चेक।कर3गया और दिल्ली तक ये जानकारी दी जाएगी। कोंग्रेस के आरोप पर कहा कि कुछ लोगो का काम सिर्फ बोलना होता है ।\
कोंग्रेस की सरकार ने ही हमे हैंडओवर किया था राम जन्मभूमि का चार्ज, सरकार भी उन्हीं की थी। राम मंदिर की मूर्ति को लेकर हमारे यहाँ धर्मसंसद है उसकी बैठक में रखेंगे जो आज प्रति।आ है वही पूजित होगी और भी प्रतिमा बनेगी, हो सकता है नीचे राम जी का शिशु रूप होगा उसके ऊपर राम दरबार लेकिन ये तय धर्म संसद तय करेंगे। 1989 से निर्माण कर शुरू हुआ है उसी समय सेपत्तर तराशा जा रहा है ।निर्माण कार्य मे सीमेंट रेत कॉन्क्रीट का प्रयोग नही करेंगे केवल पत्तर से बनेगा एक्सपर्ट कहते है 36 से 4 महीने में मंदिर बन जाना चाइये। 200 फुट खुदाई के बाद पानी का लेयर आ गया । अब फिर से उप समिति एक्सपर्ट की बनाई है जो ये जानकारी करणगे की कौन से कंस्ट्रक्शन की विधा का उपयोग किया जाए और मंदिर बनाया जाए।