श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड का फैसला, इस साल कोरोना की वजह से नहीं होगी यात्रा

Akanksha
Published on:

जम्मूः कोरोना वायरस महामारी के चलते इस साल अमरनाथ की यात्रा को टाल दिया गया है। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने यह फैसला किया है। बता दे कि पिछली बैठक में इसे पहले ही सैद्धांतिक तौर पर रद्द करने का फैसला लिया जा चुका है। इस बार सिर्फ छड़ी मुबारक का पूजन होगा। इससे पहले जम्मू कश्मीर प्रशासन का कहाना था कि 21 जुलाई से यात्रा शुरू हो सकती है। वहीं सड़क मार्ग से 3,880 मीटर ऊंचाई पर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा जाने के लिए रोजाना सिर्फ 500 यात्रियों को अनुमति मिलने की बात भी कही गई थी।

आज अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने एक महत्वपूर्ण बैठक की। बता दे कि हाल ही में भारतीय सेना ने कहा था कि ऐसी जानकारी मिली है कि आतंकवादी अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं। सेना ने कहा कि अमरनाथ यात्रा आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के रडार पर है।
9 राष्ट्रीय राइफल्स सेक्टर कमांडर, ब्रिगेडियर वीएस ठाकुर ने कहा कि जानकारी मिली है कि आतंकवादी राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर कहीं यात्रा को निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं। हमारे पास जानकारी है कि आतंकवादी यात्रा को निशाना बनाने की पूरी कोशिश करेंगे, लेकिन हमारी अपनी तैयारी है और हम यात्रा को बिना किसी बाधा के शांतिपूर्वक होना सुनिश्चित करेंगे।

बता दे कि आज भगवान अमरेश्वर की पवित्र छड़ी मुबारक ने डाउन-टाउन में हरि पर्वत पर स्थित मां शारिका भवानी की पूजा हुई। श्रीनगर की मां शारिका को मुख्य देवी और देवी पार्वती का भी स्वरुप माना जाता है। दशनामी अखाड़ा के महंत दिपेंद्र गिरि के नेतृत्व में संत महात्माओं का एक जत्था आज सुबह जय बाबा बर्फानी भूखे को अन्न प्यासे को पानी, हर हर महादेव का जयघोष करते हुए पवित्र छड़ी मुबारक लेकर मां शारिका के दरबार पहुंचा।

महंत दिपेंद्र गिरि ने बताया कि 23 जुलाई शनिवार को दशनामी अखाड़ा अमरेश्वर धाम मंदिर में पवित्र छड़ी मुबारक की स्थापना और ध्वजारोहण होगा। इसके साथ ही श्रद्धालुओं को छड़ी मुबारक के दर्शन की अनुमति होगी। 25 जुलाई सोवार को छड़ी मुबारक श्रीनगर से पवित्र गुफा के लिए प्रस्थान करेगी। पहलगाम, चंदनबाड़ी, शेषनाग, पंचतरणी में सभी धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा करते हुए तीन अगस्त श्रावण पूर्णिमा की सुबह पवित्र गुफा में प्रवेश करेगी। पवित्र गुफा में हिमलिंग स्वरुप भगवान शिव की आराधना के बाद छड़ी मुबारक दशनामी अखाड़ा लौट आएगी। इस साल की तीर्थयात्रा का विधान भी संपन्न माना जाएगा।