वाराणसी के ज्ञानवापी मामले पर कोर्ट के फैसले से जहां हिन्दू पक्ष खुश नजर आ रहा,वहीं अब राजनीति भी गरमा गई है. इसी बीच समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने ज्ञानवापी मामले में तहखाने में पूजा की इजाजत देने वाले फैसले पर टिप्पणी करते हुए शुक्रवार को दावा किया कि कई मौकों पर अदालतें सही फैसला नहीं सुनाती हैं. जिससे हिन्दु पक्ष काफी नजर आ रहा है.
आपको बता दें वाराणसी की जिला अदालत ने बुधवार को मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में पूजा-अर्चना को फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी. यह प्रथा तीन दशक पहले बंद कर दी गई थी. फैसले के संबंध में सवालों पर यादव ने कहा,‘‘अदालत के आदेशों का हमेशा विरोध होता है. क्या अदालत के फैसले हमेशा सही होते हैं?’’
इस दौरान रामगोपाल यादव ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद पर भी बयान दिया और कहा कि ज्ञानवापी पर फैसला आखिरकार उच्चतम न्यायालय करेगा. उन्होंने परोक्ष रूप से राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद फैसले का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘…आप जानते हैं कि एक फैसला आया, वह राज्यसभा में आये, दूसरा आयोग का अध्यक्ष बनेगा. ऐसा ही होता है.’’
इससे पहले ज्ञानवापी की 839 पेज की सर्वे रिपोर्ट जिला जज की अदालत में दाखिल की गई थी. रिपोर्ट के वॉल्यूम.चार के पेज संख्या 207 में प्लाट नंबर.9130 स्थित ज्ञानवापी परिसर का नक्शा प्रस्तुत किया गया है. इसके मुताबिकए पहली बार ज्ञानवापी परिसर के मलबे को साफ कराकर अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से वैज्ञानिक पद्धति से नक्शा बनाया गया है. इससे पहले ऐसा नहीं हुआ था.
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यकों के वोट बैंक की राजनीति करती है. समाजवादी की सरकार में मुलायम सिंह यादव ने कारसेवकों पर गोलिया चलवाई थी. मुस्लिम वोट आमतौर पर समाजवादी पार्टी का माना जाता है.