महेश दीक्षित
भोपाल। मुझे याद है साल 2017 में जब नर्मदा नदी में अवैध रेत उत्खनन को लेकर कांग्रेस ने विधानसभा में खूब हंगामा और हो-हल्ला किया था…तथाकथित संत कंप्यूटर बाबा ने शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था…इसके बाद
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में ऐलान किया था कि, नर्मदा सहित मध्यप्रदेश की तमाम नदियों, झीलों, तालाबों और जलस्त्रोतों से खिलवाड़ और उनका शोषण करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा…इनकी देह (कैंचमेंट एरिया और ग्रीन लैंड ) से छेड़छाड़ करने वालों को हत्यारा मानकर उन पर हत्या का मुकदमा चलाया जाएगा…इसके लिए तब शिवराज सरकार द्वारा बाकायदा विधेयक भी लाया गया था…लेकिन इसके बाद इस विधेयक का क्या हुआ… जिंदा है या मर गया…राम जानें और सरकार जाने…लेकिन न नर्मदा नदी से अवैध उत्खनन रूका…और न भोपाल की जीवनरेखा और उसके सौंदर्य में चार चांद लगाने वाली एशिया की सबसे बड़ी झील से रसूखदारों द्वारा किए जा रहे बलात्कार ( बलात अधिकार) को रोका जा सका…हाल ही में हुई भीषण बारिश के दौरान बड़ी झील की आक्रोशित लहरों ने पिछले 70 सालों में अपने साथ हुए खिलवाड़ और बलात्कार की दारूण गाथा को चीत्कार-चीत्कार करके सुनाया भी, कि किन-किन रसूखदारों (नेता, अफसर और जमीन माफिया ) ने उसके साथ बलात्कार ( बलात अधिकार) किया…और कौन-कौन रसूखदार आज भी उसकी सौंदर्य से मदमाती और इठलाती देह ( ग्रीन लैंड और कैंचमेंट एरिया) को नोंच रहे हैं…या फिर सिंडीकेट बनाकर इसकी साजिशें रच रहे हैं…।
एक दिन पहले सोशल मीडिया पर चले एक वीडियो के जरिए बड़ी झील ने चीख-चीखकर अपनी दुखद कहानी भी बयां की, कि किस तरह से एक अदने और मामूली से डाक्टर अजय गोयनका ने उसकी देह से बलात्कार (बलात अधिकार ) कर उसकी छाती ( कैंचमेंट एरिया) पर भारी भरकम चिरायु हास्पिटल ही बना डाला…अपने साथ हुए बलात्कार से आक्रोशित बड़ी झीलें की लहरें चिरायु हास्पिटल के भीतर घुसकर दहाड़े मार-मारकर कह रही थी कि, देखो-देखो मेरे साथ, मेरी सौंदर्य से भरी देह के साथ बलात्कार ( बलात अधिकार) हुआ है… लेकिन ताजुब और शर्मनाक यह कि संरक्षण और संवर्द्धन के वादे के साथ किनारे बैठे प्रदेश के मुखिया को भी बड़ी झील का यह रूदन सुनाई नहीं दिया…और जो वीडियो बड़ी झील के साथ चिरायु हास्पिटल द्वारा किए गए बलात्कार (बलात अधिकार) के सबूत लेकर पहुंचा, उसको भी अनदेखा-अनसुना कर दिया गया…यह तो रही चिरायु हास्पिटल द्वारा बड़ी झील के साथ किए गए दुराचार की दास्तांन…खानूगांव में तो हर रोज ढेले मार-मारकर बड़ी झील नगर निगम के जिम्मेदारों और शहर के रसूखदारों का नाम-नाम लेकर रूदन करती है, कि मुझे बलात्कारियों (बलात अधिकार करने वालों) से बचा लो, वर्ना एक दिन ये मेरी सौंदर्यभरी देह को पूरी तरह से रौंद डालेंगे…। लेकिन लगता है बड़ी झील के इस करूण रूदन को सुनने वाले वाले जिम्मेदारों के कान बहरे हो चुके हैं या फिर वे इस दुराचार में पूरी तरह से शामिल हो चुके हैं…।
ऐसे में सवाल है कि, आखिर कौन बड़ी झील के साथ खिलवाड़ करने वाले डा. अजय गोयनका को बचा रहा है…और कौन उसको संरक्षण दे रहा है…सवाल यह भी है कि किसने डा. अजय गोयनका को बड़ी झील की छाती (कैंचमेंट एरिया) पर इतना बड़ा चिरायु हास्पिटल बनाने की अनुमति देने का दुस्साहस किया…इसकी भी जांच होनी चाहिए…यह भी जांच होना चाहिए कि बड़ी झील के साथ खिलवाड़ के इस शर्मनाक कृत्य में कौन-कौन शामिल रहे हैं…और भोपाल शहर के आने वाले मास्टर प्लान के जरिए कौन-कौन, किस-किस एंगल से बड़ी झील के साथ बलात्कार (बलात अधिकार) के लिए घात लगाए बैठा है..?