भोपाल : मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नवनियुक्त ओएसडी श्री तुषार पांचाल द्वारा ओएसडी पद की जिम्मेदारी संभालने में असमर्थता व्यक्त करने को , शिवराज सरकार द्वारा लिखी गयी एक झूठी पटकथा बताया है?
सलूजा ने बताया कि इसके पीछे वास्तविक कारण यह है कि श्री तुषार पांचाल की नियुक्ति के बाद से ही कांग्रेस ने उनके मोदी जी के प्रति विचारों वाले ट्वीट को सार्वजनिक कर ,उनकी मोदी विरोधी वास्तविकता उजागर की थी। इस पोल खुलने के बाद चौतरफा विरोध से घिरे प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह में घबराकर उन्हें पद से हटाया और फिर श्री तुषार पांचाल द्वारा यह जवाबदारी संभालने में असमर्थता व्यक्त करने की झूठी पटकथा लिखी गई ?
सलूजा ने कहा जो तुषार पांचाल 22 घंटे पूर्व अपने ट्विटर पर लिखते हैं कि “मैं मेरी ट्विटर की बायो बदल रहा हूं “ ,उसके बाद थोड़ी ही देर बाद वह खुद के ट्विटर प्रोफाइल पर खुद को “मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कम्युनिकेशन एडवाइजर “ लिखते हैं और उसके बाद अगले ट्वीट में लिखते हैं कि “मुझे पर्दे के पीछे काम करने वाले व्यक्ति के रूप में आप सभी जानते है और मैंने कई मुख्यमंत्रियों और देश के राजनेताओं के साथ वर्ष 2001 से निकटता के साथ काम किया है “।
उसके बाद अगले ट्वीट में लिखते हैं कि “मुझे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ऑफिस के अंदर कम्युनिकेशन एडवाइजर के रूप में भाग्य ने काम करने का मौका दिया है और खुश ज़ाहिर करते हुए ख़ुद को शुभकामनाएं देने के लिए ट्वीट में लिखते हैं “ और अचानक 22 घंटे बाद वे लिखते हैं कि “मैं यह जवाबदारी स्वीकारने में असमर्थ हूं और मैंने मुख्यमंत्री जी को यह जानकारी दे दी है “ ?
जो व्यक्ति जवाबदारी मिलने के पूर्व अपने ट्विटर पर टि्वटर प्रोफाइल बदलने के बारे में लिखता हैं ,फिर अपनी ट्विटर प्रोफाइल पर अपनी नई जवाबदारी ख़ुद लिखता हैं ,फिर खुद के बारे में लिखता हैं कि मेने कई मुख्यमंत्रियों के साथ और राजनेताओं के साथ काम किया है , फिर लिखता हैं कि मुझे भाग्य व तकदीर से यह जवाबदारी मिली है ,आप सभी मुझे शुभकामनाएं दें ? और अचानक एक दिन बाद उनका ह्रदय परिवर्तन हो जाता है और वह जवाबदारी सम्भालने में असमर्थता व्यक्त कर देता हैं ?
इसी से समझा जा सकता है कि यह पटकथा पूरी तरह से झूठी व बनावटी है और चौतरफा विरोध और किरकिरी से बचने के लिए लिखी गई है। जिस प्रकार से तुषार पांचाल की नियुक्ति के बाद से ही कांग्रेस ने सिलसिलेवार उनके विचारों को उजागर कर ,उनके मोदी विरोधी रवैया की पोल खोली थी ,उनके विवादास्पद विचारों को उजागर किया था , उसके बाद भाजपा में ही उनकी नियुक्ति का चौतरफा विरोध शुरू हो गया था। उसी से घबराकर शिवराज जी ने उनकी नियुक्ति रद्द की है और बाद में यह झूठी पटकथा लिखी गई है।
जो व्यक्ति जवाबदारी लेने में असमर्थता आज जाहिर कर रहा है ,यदि यह सच होता तो वही व्यक्ति इस नियुक्ति पर पहले खुशी कैसे जाहिर कर सकता था और खुद को सभी को शुभकह सवाल आज सामने है ?