शिवराज जी दवा देने आए थे या दर्द?

Mohit
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MP News

इन्दोर / जिला प्रशाशन द्वारा अचानक से सब्जी व किराना पर प्रतिबंध लगाए जाने को अव्यवहारिक निर्णय बताते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मनीष अजमेरा व अमिताभ सिंघल ने कहा कि मुख्यमंत्री जी शहर को दवा देने आए थे या दर्द ? क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री फल सब्जी किराना बंद करने की सलाह देने इन्दोर आए थे ?
आए ही थे तो कुछ अस्पतालों का दौरा करते
कुछ मरीजों के परिजनों से मुलाकात करते
कुछ एंटी फंगल इंजेक्शनों की व्यवस्था केसे होगी इस पर रोशनी डाल जाते ,
गरीब का चूल्हा केसे जलेगा इसकी कुछ और व्यवस्था कर जाते , जो नही रहे उनके बच्चो से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना ही दे जाते

अजमेरा व सिंघल ने कहा कि लगभग दो माह से चले आ रहे लॉक डाउन में जहां एक और शने शने राहत प्रदान कर जिंदगी की गाड़ी को पटरी पर लाने का प्रयास किया जाना था वही इसके उलट किराना व सब्जी जैसी आवश्यक वस्तुओं पर भी पाबंदी लगाया जाना तंत्र की अक्षमता को परिलक्षित करता है । ऑन लाइन किराना हेतु कुछ कंपनियों को दी गई छूट शहर की आवश्यकताओं की पूर्ति में अपर्याप्त साबित होगी

एक ओर जंहा लंबे समय से चले आ रहे लॉक डाउन को ले कर धैर्य खोते जा रहे कई व्यापारिक संगठन राहत व छूट दिए जाने की मांग कर रहे थे वही पूर्ण लॉक डाउन की घोषणा ने व्यापारियों व नागरिकों को चिंता में डाल दिया है । मानसून आने में चंद दिन बचे है ऐसे में निर्माण पर रोक से जहां कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा वही कई व्यापारियों को अपने माल व समान को बारिश से बचाने , कच्चे घरों को बचाने जैसी कई मुसीबतें चिंतित कर रही है ।

सब्जी व किराना पर अचानक से लगाया प्रतिबंध गरीब व मध्यमवर्गीय लोगो के लिए बड़ा संकट पैदा करेगा क्योंकि बड़ी आबादी की आर्थिक स्थिति आज भी ऐसी नही है जो रोजमर्रा की जरूरत का किराना भर कर रख सके । कोरोना संकट में शहर की अनेकों समाज सेवी संस्थाए गरीबो व जरूरतमंदों में अनाज , सब्जी आदि बाट कर सहयोग कर रही है ऐसे में इन संस्थाओं के सामने भी राशन किट हेतु किराना सामान की उपलब्धता का बड़ा संकट होगा जिसका सीधा असर जरूरतमंदों को मिलने वाली सहायता पर पड़ेगा ।
आंकड़ों के मायाजाल में व्यवहारिक बातों को नजरअंदाज किया जाना निर्णयों के औचित्य पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर रहा है । / जिला प्रशाशन द्वारा अचानक से सब्जी व किराना पर प्रतिबंध लगाए जाने को अव्यवहारिक निर्णय बताते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मनीष अजमेरा व अमिताभ सिंघल ने कहा कि क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री फल सब्जी किराना बंद करने की सलाह देने इन्दोर आए थे ?
आए ही थे तो कुछ अस्पतालों का दौरा करते
कुछ मरीजों के परिजनों से मुलाकात करते
कुछ एंटी फंगल इंजेक्शनों की व्यवस्था केसे होगी इस पर रोशनी डाल जाते ,
गरीब का चूल्हा केसे जलेगा इसकी कुछ और व्यवस्था कर जाते , जो नही रहे उनके बच्चो से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना ही दे जाते

अजमेरा व सिंघल ने कहा कि लगभग दो माह से चले आ रहे लॉक डाउन में जहां एक और शने शने राहत प्रदान कर जिंदगी की गाड़ी को पटरी पर लाने का प्रयास किया जाना था वही इसके उलट किराना व सब्जी जैसी आवश्यक वस्तुओं पर भी पाबंदी लगाया जाना तंत्र की अक्षमता को परिलक्षित करता है । ऑन लाइन किराना हेतु कुछ कंपनियों को दी गई छूट शहर की आवश्यकताओं की पूर्ति में अपर्याप्त साबित होगी

एक ओर जंहा लंबे समय से चले आ रहे लॉक डाउन को ले कर धैर्य खोते जा रहे कई व्यापारिक संगठन राहत व छूट दिए जाने की मांग कर रहे थे वही पूर्ण लॉक डाउन की घोषणा ने व्यापारियों व नागरिकों को चिंता में डाल दिया है । मानसून आने में चंद दिन बचे है ऐसे में निर्माण पर रोक से जहां कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा वही कई व्यापारियों को अपने माल व समान को बारिश से बचाने , कच्चे घरों को बचाने जैसी कई मुसीबतें चिंतित कर रही है ।

सब्जी व किराना पर अचानक से लगाया प्रतिबंध गरीब व मध्यमवर्गीय लोगो के लिए बड़ा संकट पैदा करेगा क्योंकि बड़ी आबादी की आर्थिक स्थिति आज भी ऐसी नही है जो रोजमर्रा की जरूरत का किराना भर कर रख सके । कोरोना संकट में शहर की अनेकों समाज सेवी संस्थाए गरीबो व जरूरतमंदों में अनाज , सब्जी आदि बाट कर सहयोग कर रही है ऐसे में इन संस्थाओं के सामने भी राशन किट हेतु किराना सामान की उपलब्धता का बड़ा संकट होगा जिसका सीधा असर जरूरतमंदों को मिलने वाली सहायता पर पड़ेगा ।
आंकड़ों के मायाजाल में व्यवहारिक बातों को नजरअंदाज किया जाना निर्णयों के औचित्य पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर रहा है ।

मनीष अजमेरा
अमिताभ सिंघल