ससुर के अंतिम संस्कार में शामिल हुए शिवराज, कहा- अहंकार शून्य व्यक्ति थे घनश्याम दास

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भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज गोदिया में समाजसेवी घनश्याम दास मसानी के अंतिम संस्कार में शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मसानी मुख्यमंत्री के श्वसुर थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गत 28/29 वर्ष में उन्होंने कभी भी घनश्याम दास के व्यवहार में अहंकार को नहीं देखा। वे निष्काम और पावन हृदय से जीवन जीते हुए सभी के प्रति सदाशायी बने रहे। जीवन के आखिरी क्षण तक उनके चेहरे पर सौम्य और सरल, सहज होने के भाव परिलक्षित होते थे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जब वे चौथी बार मुख्यमंत्री बने उसके पूर्व मसानी भोपाल आए थे और शारीरिक अस्वस्थता के बावजूद सामान्य रूप से चर्चा करते थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वे जब खुद कोविड-19 से ग्रस्त होने पर अस्पताल में दाखिल थे तब उन्हें मसानी के अस्वस्थ होने की सूचना देर से मिली थी और उसके पश्चात मसानी अस्पताल में उपचार लाभ प्राप्त कर घर भी आ गए थे। उन्होंने बीमारियों से लड़ते हुए अपनी जिजीविषा बनाए रखी।

सीएम ने आगे कहा कि राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रबल समर्थक मसानी 88 वर्ष की आयु में भी वैचारिक रूप से सक्रिय थे। वे व्हीलचेयर पर थे लेकिन हाल ही में दीपावली पूजा में भी शामिल हुए ।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि उनका स्नेह उन्हें जीवन भर मिला। ऐसे सहृदय सरल व्यक्तित्व के धनी स्व मसानी अपनी विशेष पहचान छोड़ गए हैं। सीएम ने इस दौरान स्व मसानी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री चौहान, उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह और अन्य परिजन आज प्रात: गोंदिया पहुंचे। इसके साथ ही मसानी की पार्थिव देह को लेकर आज प्रातः एयर एम्बुलेंस गोंदिया पहुंची। अपरान्ह 4 बजे उनका गोंदिया पिंडकेपार स्थित मोक्षधाम में अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, समाजसेवी और अधिकारी शामिल हुए। बालाघाट रेंज के पुलिस महानिरीक्षक के पी व्यंकटेश्वर राव सहित कलेक्टर और एस पी बालाघाट भी शामिल हुए।