मुंबई: महाराष्ट्र में चल रही एनसीपी और शिवसेना की सरकार में एक बार फिर अनबन शुरू हो गई है। एनसीपी की दबंगई से परेशान परभणी के शिवसेना सांसद संजय जाधव ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। संजय जाधव ने अपना इस्तीफा शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सौंपा है। जाधव के इस्तीफे के बाद पार्टी में हलचल मच गई है।
उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में संजय जाधव ने कहा है, ‘मैं अपने इलाके में शिवसेना कार्यकर्ताओं के साथ न्याय करने में सक्षम नहीं हूं। मुझे पार्टी का सांसद होने का कोई हक नहीं है।’ समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक संजय जाधव ने कहा है, ‘मैं पिछले 8-10 महीनों से इस मामले (परभणी में जिंतुर एपीएमसी के प्रशासक की नियुक्ति) के लिए प्रयासरत हूं। अब एनसीपी के एक व्यक्ति को गैर-सरकारी प्रशासक के रूप में नियुक्त कर दिया गया है। यह शिवसेना कार्यकर्ताओं का अपमान है।
गौरतलब है कि प्रशासनिक नियुक्तियों को लेकर एनसीपी और शिवसेना के बीच पहले भी खींचतान की ख़बरें सामने आती रही है। इससे पहले मुंबई में आईपीएस अधिकारियों के तबादले को लेकर दोनों पार्टियों के बीच मतभेद देखने को मिले थे। इसी सिलसिले में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से 6 जुलाई को मुलाकात भी की थी। उस समय कहा गया था कि एनसीपी और शिवसेना के बीच मुंबई में आईपीएस अधिकारियों के तबादले को लेकर कोई तकरार है।
दरअसल, महाराष्ट्र में गृह मंत्रालय एनसीपी के पास है। ऐसे में मुंबई में आला पुलिस अधिकारियों के तबादलों के सभी फैसले गृह मंत्री अनिल देशमुख लेते हैं। वहीं शिवसेना चाहती है कि किसी भी तरह के तबादले की जानकारी उनके पास होनी चाहिए। महाराष्ट्र में 2 जुलाई को जारी किए गए ट्रांसफर ऑर्डर में डीसीपी को जोन और क्राइम ब्रांच और उनमें से कुछ को नॉन एग्जिक्यूटिव ब्रांचों से एग्जिक्यूटिव ब्रांचों में ट्रांसफर कर दिया गया था। हालांकि बाद में मुंबई पुलिस कमिश्नर ऑफिस ने ट्रांसफर ऑर्डर को पलटने का आदेश जारी कर दिया।