नई दिल्ली : आखिरकार जिस बात का डर था वहीं हुआ. 22 साल साथ रहने के बाद शिरोमणि अकाली दल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अलग हो गया. बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव और मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले अकाली दल ने NDA को तगड़ा झटका दे दिया है. इससे पूरी उम्मीद है कि विपक्ष अब सरकार पर और भी मजबूती के साथ आक्रामक होगा.
शनिवार रात को शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया. बता दें कि सरकार द्वारा लाए गए कृषि संबधित बिल्स को लेकर अकाली दल लगातार नाराजगी जाहिर कर रहा है और वह शुरू से ही इनके ख़िलाफ़ रहा है. ऐसे में आज उसने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अलविदा होने का एलान कर दिया.
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत दे चुकी है सरकार से इस्तीफा…
इससे पहले शिरोमणि अकाली दल की ओर से बगावत के सुर उस समय उठे थे जब संसद में दल के सदस्य और लोकसभा सांसद सुखबीर सिंह बादल ने इन बिल्स को लेकर कहा था कि यदि सरकार कृषि बिल पास करवाएगी तो हरसिमरत कौर इस्तीफ़ा दे देगी. सरकार ने बिल पास करवाकर अपना काम किया तो वहीं केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बदल ने भी सरकार से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद से ही NDA और अकाली दल में दरार पैदा हो गई थी, जबकि शनिवार को 22 साल पुराना NDA और अकाली दल का नाता भी टूट गया.