नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा है कि इसकी सफलता का मतलब ये होगा कि भारतीय अवधारणा (इंडियन आइडिया) का अंत हो गया। साथ ही उन्होंने जोर देते हुए कहा कि, ‘हिंदुत्व’ कोई धार्मिक नहीं, बल्कि ‘राजनीतिक सिद्धांत’ है। उन्होंने उनकी नई किताब ‘The Battle of Belonging’ में कहा कि ‘हिंदू भारत’ किसी भी तरह से हिंदू नहीं होगा, बल्कि ‘संघी हिंदुत्व राज्य’ होगा जो पूरी तरह से अलग तरह का देश होगा। बता दे कि, शनिवार को उनकी इस किताब का विमोचन हुआ।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि, ”मेरे जैसे लोग जो अपने प्यारे भारत को संजोए रखना चाहते हैं, उनकी परवरिश इस तरह हुई है कि वे धार्मिक राज्य का तिरस्कार करें।” साथ ही उन्होंने कहा कि, हिंदुत्व आंदोलन की जो बयानबाजी है उससे उसी कट्टरता की गूंज सुनाई देती है जिसको खारिज करने के लिए भारत का निर्माण हुआ था।
बता दे कि, ‘एलेफ बुक कंपनी’ की और से प्रकाशित पुस्तक में शशि थरूर ने हिंदुत्व और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) की आलोचना की। थरूर का कहना है कि, ये भारतीयता के बुनियादी पहलू के लिए चुनौती हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, ”मैंने सत्ताधारी पार्टी की ओर से पाकिस्तान का हिंदुत्व वाला संस्करण बनाने के प्रयास की निंदा की थी क्योंकि इसके लिए हमारा स्वतंत्रता आंदोलन नहीं था और न ही यह भारत की अवधारणा है जिसे हमारे संविधान में समाहित किया गया।”
उन्होंने लिखा कि, ”यह सिर्फ अल्पसंख्यकों के बारे में नहीं है जैसा भाजपा हमें मनवाना चाहेगी. मेरे जैसे बहुत सारे गौरवान्वित हिंदू हैं जो अपनी आस्था के समावेशी स्वभाव को संजोते हैं और अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान के लोगों की तरह असहिष्णु एवं एक धर्म आधारित राज्य में रहने का इरादा नहीं रखते। ” उन्होंने कहा कि, ”हिंदुत्व हिंदू धर्म नहीं है, ये एक राजनीतिक सिद्धांत है, धार्मिक नहीं है’
वही, सीएए की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि, ये पहला कानून है जो देश की उस बुनियाद पर सवाल करता है कि धर्म हमारे पड़ोस और हमारी नागरिकता को तय करने का पैमाना नहीं हो सकता।