उथल-पुथल मचा सकती है शनि की साढ़े साती, जानें आपकी राशि में कब करेंगे प्रवेश

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शनि को न्याय और कर्मफल का देवता माना जाता है। शनि को प्रसन्न करके व्यक्ति जीवन के कष्टों को कम कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि जब भी कभी ग्रहों में किसी तरह का कोई बदलाव होता है तो इसका सीधा असर हमारी राशि पर पड़ता है। जिस वजह से कुंडली पर शनि बैठ जातें हैं और ऐसे में व्यक्ति के जीवन में दुख भी आ सकते हैं तो खुशियां भी आ सकती हैं। ज्योतिष विज्ञान में शनि ग्रह को न्‍याय का देवता माना जाता है।

ऐसी मान्यता है कि शनि ग्रह व्‍यक्ति को उसके कर्म के अनुसार फल देते हैं। इसी वजह से जब 12 राशियों पर शनि की साढ़ेसाती लगती है, संबंधित जातकों की जिंदगी में खासी उथल-पुथल होती है। बता दे, शनि की साढ़े साती करीबह 2.5 साल के लिए लगती है। फिलहाल शनि ग्रह मकर राशि में विचरण कर रहे हैं और हर 2.5 साल बाद राशि परिवर्तन करते हैं। आइए जानते हैं शनि ग्रह कब किस राशि में प्रवेश करेंगे।

आपको बता दे, शनि ग्रह राशि परिवर्तन करते हैं तब 3 राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और 2 राशियों पर शनि की ढैय्या लग जाती है। फिलहाल शनि ग्रह मकर राशि में विचरण कर रहे हैं तो कुंभ और धनु रशि में भी साढ़ेसाती चल रही है। राशि परिवर्तन के समय शनि जिस राशि से चौथे या आठवें भाव में होते हैं, उस पर ढैय्या शुरू हो जाती है। फिलहाल शनि ग्रह की ढैय्या मिथुन और तुला राशि पर चल रही है। आज हम आपको बताने जा रहे है कब शनिदेव किस राशि में प्रवेश करेंगे।

मेष –

साढे़साती – 29 मार्च 2025 से 31 मई 2032 तक

ढैय्या- 13 जुलाई 2034 से 27 अगस्त 2036 तक और 12 दिसंबर 2043 से 8 दिसंबर 2046 तक

वृषभ –

साढे़साती – 3 जून 2027 से 13 जुलाई 2034 तक

ढैय्या- 27 अगस्त 2036 से 22 अक्टूबर 2038 तक

मिथुन –

साढ़ेसाती – 8 अगस्त 2029 से 27 अगस्त 2036 तक

ढैय्या- 24 जनवरी 2020 से 29 अप्रैल 2022 तक और 22 अक्टूबर 2038 से 29 जनवरी 2041 तक

कर्क –

साढ़ेसाती – 31 मई 2032 से 22 अक्टूबर 2038 तक

ढैय्या- 29 अप्रैल 2022 से 29 मार्च 2025 तक और 29 जनवरी 2041 से 12 दिसंबर 2043 तक

सिंह –

साढ़ेसाती – 13 जुलाई 2034 से 29 जनवरी 2041 तक

ढैय्या- 29 मार्च 2025 से 3 जून 2027 तक और 12 दिसंबर 2043 से 8 दिसंबर 2046 तक

कन्या –

साढ़ेसाती – 27 अगस्त 2036 से 12 दिसंबर 2043 तक

ढैय्या- 3 जून 2027 से 8 अगस्त 2029 तक

तुला –

साढ़ेसाती – 22 अक्टूबर 2038 से 8 दिसंबर 2046 तक

ढैय्या- 24 जनवरी 2020 से 29 अप्रैल 2022 तक और 8 अगस्त 2029 से 31 मई 2020 तक

वृश्चिक –

साढे़साती – 28 जनवरी 2041 से 3 दिसंबर 2049

ढैय्या- 29 अप्रैल 2022 से 29 मार्च 2025 तक और 31 मई 2032 से 13 जुलाई 2034 तक

धनु –

साढ़ेसाती – 12 दिसंबर 2043 से 3 दिसंबर 2049 तक

ढैय्या- 29 मार्च 2025 से 3 जून 2027 तक और 13 जुलाई 2034 से 27 अगस्त 2036 तक

मकर –

साढ़ेसाती – 26 जनवरी 2017 से 29 मार्च 2025 तक

ढैय्या- 3 जून 2027 से 8 अगस्त 2029 तक और 27 अगस्त 2036 से 22 अक्टूबर 2038 तक

कुंभ –

साढ़ेसाती – 24 जनवरी 2020 से 3 जून 2027 तक

ढैय्या- 8 अगस्त 2029 से 31 मई 2032 तक और 22 अक्टूबर 2038 से 29 जनवरी 2041 तक

मीन –

साढ़ेसाती – 29 अप्रैल 2022 से 8 अगस्त 2029 तक

ढैय्या – 31 मई 2032 से 13 जुलाई 2034 तक और 29 जनवरी 2041 से 12 दिसंबर 2043 तक