Shani Margi 2021: 11 अक्टूबर को शनिदेव होंगे मार्गी, इन राशि वालों को रहना होगा सावधान

Pinal Patidar
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Shani Margi 2021

Shani Margi 2021: शनि को न्याय और कर्मफल का देवता माना जाता है। शनि को प्रसन्न करके व्यक्ति जीवन के कष्टों को कम कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि जब भी कभी ग्रहों में किसी तरह का कोई बदलाव होता है तो इसका सीधा असर हमारी राशि पर पड़ता है। जिस वजह से कुंडली पर शनि बैठ जातें हैं और ऐसे में व्यक्ति के जीवन में दुख भी आ सकते हैं तो खुशियां भी आ सकती हैं।

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हिन्दू मान्यताओं के अनुसार शनि के नाराज होने से व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। शनिदेव प्रसन्न होते हैं तो बिगड़े हुए काम बन जाते हैं और सफलता भी प्राप्त होती है। वहीं मौजूदा समय में शनि मकर राशि में गोचर हैं। शनि के मकर राशि में गोचर होने के कारण धनु, मकर और कुंभ राशि पर साढ़ेसाती और मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव है।

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धनु राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का आखिरी चरण चल रहा है। पूरी तरह से साल 2023 में धनु राशि पर से शनि की साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी। मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। 2025 में मकर राशि से शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव खत्म हो जाएगा। शनि के मकर राशि में गोचर करने के कारण कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है। कुंभ राशि से शनि की साढ़ेसाती 23 जनवरी 2028 को हटेगी।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि के क्रूर ग्रह होने के कारण जातकों पर इसका प्रभाव सबसे ज्यादा होता है। शनि ग्रह 23 मई 2021 से मकर राशि में वक्री चाल से चल रहे हैं। किसी ग्रह की वक्री चाल का मतलब होता है उल्टी चाल से चलना। शनि अब 11 अक्टूबर 2021 से मार्गी हो जाएंगे। जिस कारण से कुछ राशियों का राहत तो कुछ की परेशानियां बढ़ जाएगी।

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शनिदोष से बचने के उपाय
– शनिवार का दिन शनिदेव की शुभ कृपा पाने के लिए सबसे अच्छा दिन माना गया है। शनिवार के दिन शनि मंदिर में शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करना चाहिए।
– शनिदोष से मुक्ति के लिए शनिदेव के दस नामों का जाप करना चाहिए। ये दस नाम इस प्रकार है- कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद, पिप्पलाश्र
– हर शनिवार के दिन पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएं और दीया जलाएं।
– ज्योतिषी की सलाह पर कुंडली से शनि दोष को दूर करने के लिए नीलम रत्न धारण करें।
– हनुमानजी की आराधना करने से शनि दोष से छुटकारा मिलता है इसलिए हर शनिवार के दिन बजरंगबली के दर्शन करने और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
– शिव चालीसा का पाठ करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं और कुंडली से शनिदोष खत्म हो जाता है।

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