23 मई से वक्री होंगे शनिदेव, इन राशियों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर, रहना होगा सावधान

Ayushi
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शनि को न्याय और कर्मफल का देवता माना जाता है। शनि को प्रसन्न करके व्यक्ति जीवन के कष्टों को कम कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि जब भी कभी ग्रहों में किसी तरह का कोई बदलाव होता है तो इसका सीधा असर हमारी राशि पर पड़ता है। जिस वजह से कुंडली पर शनि बैठ जातें हैं और ऐसे में व्यक्ति के जीवन में दुख भी आ सकते हैं तो खुशियां भी आ सकती हैं।

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार शनि के नाराज होने से व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। शनिदेव प्रसन्न होते हैं तो बिगड़े हुए काम बन जाते हैं और सफलता भी प्राप्त होती है। शनि देव की कृपा न हो तो कोई काम सफल नहीं हो पाता है ना ही शादी , ना ही संतान, और ना ही धन की प्राप्ति हो पति है। इनकी कृपा जिसके ऊपर भी हो जाती है उस इंसान को कोई भी परेशानी नहीं आ सकती।

ऐसे में आपको बता दे, शनि ग्रह 23 मई को वक्री हो रहे हैं। श्रवण नक्षत्र और श्रवण नक्षत्र हैं चंद्र का तो, ऐसे में शास्त्र में देखा गया। चंद्र का संबंध सैनी से विष योग के बना देता है। इसका थोड़ा असर रहेगा। दरअसल, वक्री होने का मतलब क्या है कि इनकी चाल धीमी गति से होना और कष्ट दाई होगी। गोचर में मकर राशि में यह वक्री हो रहे हैं। ऐसे में इनकी दृष्टि जा रही द्वादश भाव पर चतुर्थ भाव पर और सप्तम भाव पर तो यह यह जो है कोई मुश्किल खड़ा करने वाला है।

कहा जा रहा है कि हमारे प्रकृति के लिए और तो और जैसे कि अभी तूफान आने की संभावना थी कुछ चक्रवात आ गए थे, बस उसी तरह से घटनाएं कुछ आगे भी हो सकती है। पानी से जोड़कर और वह भी धीरे गति से चलेगी इसका हमारे राशियों के ऊपर भी प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा जिस राशि में मकर राशि में यह वर्ग बकरी हो रहे हैं। उस जातक को भी छोड़े कष्ट हो सकते हैं। शनि महाराज की दृष्टि जो है मीन राशि कर्क राशि और तुला राशि पर रहेगी। आपको बता दे, मीन राशि और कर्क राशि को थोड़ी मुश्किलें बढ़ सकती है, लेकिन तुला राशि में नहीं होगी।

ज्योतिषों के अनुसार, तुला राशि वैसे ही कई सालों से शनि महाराज की साढ़ेसाती से परेशानी में चल रही है। इनके लिए अब सिर्फ कुछ महीने का आखिरी चरण बचा है। इन राशि वालों को बाद में शनि से मुक्त हो जाएगी तब तक जातक संयम रखें। कोई भी नया निर्णय ना ले यह आपके लिए अच्छा रहेगा। इस बदलाव की और हमारी प्रकृति में अभी आने वाला समय बारिश का रहेगा। पानी का रहेगा तो यह श्रवण नक्षत्र में हुआ। बदलाव तूफान आंधी पानी से जुड़कर नुकसान यह दर्शाता है।

इसके अलावा मकर राशि के लिए यह बदलाव बहुत धीमी गति से चलने वाला होगा क्योंकि अभी शनि की साढ़ेसाती भी चल रही है। इसलिए यह प्रभाव ज्यादा दिखाई देगा मकर राशि के काम धीमी गति से और होने वाले हैं। वहीं जिनके कुंडली में खास करके तुला राशि मीन राशि और कर्क राशि इनकी कुंडली में अगर चंद्र और शनि का यू टी है इसको विषयों कहा जाता है। वह ज्यादा नुकसान दाई होगा उनके लिए कुछ समय तक जब तक श्रवण नक्षत्र से शनि ना निकले तब तक इसलिए प्रकृति का अपने शारीरिक बीमारी का भी ध्यान रखिए।

उपाय – शनिवार के दिन सुबह नहाने से पहले गर्दन का निचला हिस्सा जो भी है पूरा उसको आप राई के तेल लगा कर आधा घंटा रुक जाइए फिर गर्म पानी से स्नान कीजिए। यह आपके लिए मजबूती का उपाय साबित होगा। ऐसा करने से फर्क महसूस होगा।