कभी कवि, कभी लेखक, और कभी अभिनेता, शैलेश लोढ़ा अपने हर काम से अलग पहचान बना चुके हैं, हाल ही में वे बाबा महाकाल के दर्शन करने उज्जैन पहुंचे। यहां उन्होंने चांदी द्वार से बाबा महाकाल का पूजन अर्चन किया और इसके बाद नंदी हॉल में बैठकर बाबा महाकाल की भक्ति में पूरी तरह डूबे हुए नजर आए। शैलेश लोढ़ा नंदी जी के कानों में अपनी मनोकामना व्यक्त करते हुए, हाथ जोड़कर ओम नमः शिवाय का जाप करते दिखे।
महाकालेश्वर मंदिर में दो साल बाद आगमन
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित आकाश गुरु ने बताया कि प्रसिद्ध कवि, लेखक और अभिनेता शैलेश लोढ़ा दो वर्षों के बाद आज बाबा महाकाल के दर्शन और पूजन अर्चन के लिए महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे थे। यहां उन्होंने मंदिर की दर्शन व्यवस्था और महाकाल लोक का गहन निरीक्षण किया। बाबा महाकाल के दर्शन के बाद, शैलेश लोढ़ा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हम बहुत ही भाग्यशाली हैं, क्योंकि बाबा महाकाल ने हमें अपने दर्शनों के लिए चुना और हम यहां पहुंचे। मुझे यह बताते हुए बड़ी खुशी हो रही है कि आज हमें ईश्वर ने यह अनमोल आशीर्वाद दिया।
जब उनसे उनकी मनोकामना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि ईश्वर से कुछ नहीं मांगा जाता, वह खुद ही सब कुछ देते हैं। जो भी मिला है, उसके लिए मैं यहां धन्यवाद देने आया हूं। उन्होंने यह भी बताया कि दो साल पहले महाकालेश्वर भगवान के दर्शन करने आए थे, लेकिन अब यहां की व्यवस्थाएं बहुत बेहतर हो चुकी हैं। इस सुधार की जितनी सराहना की जाए उतनी कम है। महाकाल लोक इतना खूबसूरत है कि इसे देखे बिना मन नहीं भरता।
शैलेश लोढ़ा, टेलीविजन से लेकर साहित्य तक का सफर
शैलेश लोढ़ा एक प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता, कवि (हास्य और करुण कवि), हास्यकार, मंच संचालक और लेखक हैं। उनका जन्म राजस्थान के जोधपुर जिले के एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था। शैलेश लोढ़ा को सबसे अधिक पहचान “तारक मेहता का उल्टा चश्मा” धारावाहिक में तारक मेहता के किरदार के लिए मिली। इसके अलावा, वे हास्य कवि सम्मेलन “वाह-वाह क्या बात है” के संचालक के रूप में भी अपनी खास पहचान बना चुके हैं।