शाह की बनर्जी को धमकी, बोले- मैं बंगाल में ममता सरकार को उखाड़ने ही आया हूं, संभालने नहीं

Akanksha
Published on:
amit shah

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सभी दलों ने अपनी कमर कास ली है और साथ ही TMC और BJP के बीच जुबानी जंग और तेज हो गई है। वहीं इस चुनावी दंगल के बीच इंडिया टुडे ईस्ट कॉन्क्लेव 2021 का आयोजन किया गया। इस मंच पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे। इस दौरान गृह मंत्री ने बीजेपी की बंगाल को लेकर बेबाक राय रखी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर बरसे।

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, ‘मैं बंगाल में ममता सरकार को उखाड़ने ही आया हूं। संभालने नहीं आया हूं। यहां बीजेपी की सरकार तभी आ सकती है, जब टीएमसी सरकार को उखाड़कर फेंक दिया जाए। ममता जी की सरकार ठीक से नहीं चल रही है, जनता इस सरकार को उखाड़कर फेंक देगी। हमारी ममता दीदी से कोई कड़वाहट नहीं है। मगर उनके राज में भ्रष्टाचार हो रहा है उससे उन्हें चिढ़ होती है तो कोई क्या कर सकता है।’

साथ ही दागी नेताओं के बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि बीजेपी में आए नेताओं पर चल रहे मामले खत्म नहीं हुए। किसी को भी पार्टी में शामिल करने से पहले तीन स्तरों पर जांच की जाती है। उसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उसे अप्रूव करते हैं। अमित शाह ने हिंसा पर बात करते हुए कहा कि बीजेपी की सरकार आएगी तो पाताल से भी टीएमसी के गुंडों को खोज निकालेंगे।

वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जारी किसानों आंदोलन के मुद्दे पर अमित शाह ने कहा कि, ‘मैं बंगाल के किसानों से कहना चाहता हूं कि हमारी सरकार बनने के बाद हम यहां के किसानों को उनका बकाया 12,000 रुपये भी देंगे और 6,000 रुपये की नई किस्त भी देंगे। अमित शाह ने कहा कि बंगाल के किसान चिंता न करें। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद हम 12 हजार रुपये किसानों को लौटाएंगे।’

इंडिया टुडे ईस्ट कॉन्क्लेव 2021 में अमित शाह ने कहा कि पीएम किसान निधि की राशि सरकार सीधे किसानों के खाते में डालती है। इसके लिए किसानों की सूची, उनकी बैंक डिटेल चाहिए होती, ममता जी को पूछिए की कितनी डिटेल उन्होंने भेजी हैं? सिर्फ एक चिठ्ठी उन्होंने भेजी है। अमित शाह ने आगे कहा कि परिवर्तन यात्रा नाम रखने के पीछे बीजेपी का मकसद केवल मुख्यमंत्री, सत्ता या किसी मंत्री को बदलना नहीं है। हमारा मकसद है बंगाल की स्थिति में बदलाव लाना है। स्थिति में बदलाव तब होता है, जब जन जन के अंदर इच्छा और आकांक्षा हम जगाएं कि लोकतांत्रिक तरीके से जो गलत चल रहा है, उसको रोके और कुछ अच्छा करें। मुझे लगता है कि बंगाल में सरकार बनाने के बाद हिंसा की संस्कृति बदल जाएगी। यह बंगाल की संस्कृति नहीं है, लेकिन पिछले 30-35 वर्षों में इस संस्कृति का विकास हुआ है।