इंदौर: कलेक्टर मनीष सिंह की अध्यक्षता में आज स्मार्ट सिटी सभाकक्ष में सरस्वती और कान्हट (खान) नदी शुद्धिकरण के संबंध में बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन राष्ट्रीय हरित अभिकरण के निर्देशों का पालन करने के लिये कृत-संकल्पित है। अभिकरण के निर्देशानुसार इंदौर नगर निगम द्वारा सरस्वती और कान्ह नदी में गिरने वाले सभी नालों की टेपिंग की जायेगी, जिससे सरस्वती और कान्ह नदी शुद्ध हो जायेगी।
जिला प्रशासन का उद्देश्य कान्हे नदी को शुद्ध करना है। इस दिशा में अनेक प्रयास किये गये हैं। कान्हश नदी को गहरीकरण किया गया है और नदी के मार्ग में आने वाली बाधाओं को नगर निगम द्वारा हटा दिया गया है। राजस्व विभाग द्वारा सरस्वती और कान्ह नदी का सीमांकन कर दिया गया है। सीमा पर मुंडेर लगाने का काम जारी है। इसी नदी के दोनों किनारों पर वन विभाग और नगर निगम द्वारा बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया जायेगा।
कलेक्टर सिंह ने इस अवसर पर यह भी कहा कि नगर के नालों के सीवरेज से ही यह नदी प्रदूषित हुई है। इसके प्रदूषण का निवारण करके हमें इसे मूल स्वरूप में लाना है। इसके किनारे स्थित सभी झुग्गी-झोपड़ी का पुनर्वास किया जायेगा। चन्द्रभागा क्षेत्र की 1300 झुग्गियों को विस्थापित कर दिसम्बर,2020 तक इन्हें पक्के फ्लैट दिये जायेंगे।
कान्ही और सरस्वती नदी के गहरीकरण के कारण पिछले दो साल से शहर में बाढ़ नहीं आयी है। इसके किनारे 33 मीटर तक कोई भी निर्माण कार्य प्रतिबंधित रहेगा। यह दोनों नदियां लिम्बोदी तालाब और बिलावली तालाब से निकलती हैं। हमारा प्रयास है कि कान्ह नदी में सीवरेज का पानी न बहे।
विशेष मुहिम चलाकर इंदौर नगर में नगर निगम द्वारा सभी बड़े मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जा रहा है। अभी तक 12 हजार घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा दिया गया है। राष्ट्रीय हरित अभिकरण के निर्देशानुसार इंदौर नगर में प्रदूषित ट्यूबवेल और हैंण्डपम्प को चिन्हित किया जा रहा है।
बैठक में आयुक्त नगर निगम सुश्री प्रतिभा पाल, डीएफओ डॉ. किरण बिसेन, सीईओ आईडीए विवेक श्रोत्रिय, अपर कलेक्टर अजयदेव शर्मा, डिप्टी कलेक्टर सोहन कनाश, डिप्टी कलेक्टर संदीप सोनी, प्रदूषण निवारण मण्डल के सीईओ श्री आर.के. गुप्ता, उप संचालक नगरीय प्रशासन अभय राजनगाँवकर आदि मौजूद थे।