सरकार से ली गयी 5000 से अधिक मूल्य की सेवाओं पर रिवर्स चार्ज में GST का भुगतान करना होगा

Shivani Rathore
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जी एस टी के अंतर्गत कुछ दशाओं में सेवा देने वाले की जगह सेवा प्राप्तकर्ता को धारा 9 (3) में रिवर्स चार्ज में भुगतान करना होता है ! इसके अंतर्गत सरकार से ली गयी सेवाओं को भी सम्मिलित किया गया है ! करदाता द्वारा सरकार से ली गयी इन सेवाओं पर कर का भुगतान करके पात्रता होने पर क्रेडिट भी ली जा सकती है ! इसके अलावा करदाता द्वारा की गयी किसी भी गलती होने पर पोर्टल से सीधे नोटिस जारी किये जा रहे है !

किन सरकारी सेवाओं पर जी एस टी भरने के प्रावधान लागू होंगे एवं सिस्टम से भेजे गए नोटिस का कैसे अनुपालन किया जाए इसके लिए टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन एवम चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की इंदौर शाखा द्वारा एक सेमिनार का आयोजन किया गया।

सी ए पालकेश असावा ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि व्यापार के लिए यदि किसी करदाता द्वारा केंद्रीय सरकार, राज्य सरकार या स्थानीय निकाय से कोई सेवा ला जाती है तो इन पर कर का भुगतान रिवर्स चार्ज में करना होगा ! किसी व्यक्ति द्वारा व्यक्तिगत उपयोग के लिए ली गयी सेवाओं पर ये प्रावधान लागू नहीं होते ! इसके साथ ही यदि इन सेवाओं का कुल मूल्य 5000 से कम होने पर छूट होने के कारण रिवर्स चार्ज के प्रावधान लागू नहीं होंगे ! उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के टैक्स के भुगतान को सर्विस कि श्रेणी में नहीं रखा जा सकता अतः इस पर जी एस टी का भुगतान नहीं होगा ! इसके साथ ही स्थानीय निकाय एवं पंचायत के द्वारा संविधान की धारा 243 W या 243 G में दी गयी सेवाओं पर कर की देयता नहीं होती !

सी ए अंकित करनपुरिआ ने कहा कि जीएसटी रिटर्न में गलती होने पर पोर्टल से करदाता को सीधे नोटिस जारी किये जा रहे है ! उन्होंने कहा कि रिटर्न में दर्शायी राशि से कम कर का भुगतान होने पर पोर्टल द्वारा फॉर्म DRC 01B में तथा पोर्टल पर उपलब्ध इनपुट टैक्स क्रेडिट से अधिक क्रेडिट लेने पर जीएसटी पोर्टल द्वारा फॉर्म डीआरसी 01C में नोटिस जारी किया जा रहा है ! नोटिस का जवाब ना देने पर करदाता अपना अगले माह का रिटर्न फाइल नहीं कर पाएंगे । इन दशाओं में यदि वास्तव में कर का भुगतान बनता हो तो उसका भुगतान करके जवाब दाखिल करना होगा। मांग से सहमत नहीं होने पर अधिकारी के समक्ष जवाब दाखिल करना होगा ! करदाता द्वारा दिए जवाब से ऑफिसर यदि सहमत नहीं है तो वे धारा 73/74 के अनुसार वसूली की कार्यवाही कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सभी करदाताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि अगर कोई इस प्रकार का नोटिस पोर्टल पर दिख रहा है तो 7 दिन में जवाब उसका जवाब देना होगा !

टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सी ए जे पी सराफ ने कहा कि विभाग द्वारा जारी किये जा रहे नोटिस की संख्या देखते हुए अब यह आवश्यक हो गया है कि जीएसटी के रिटर्न फाइल करते समय हमें जी एस टी के सभी प्रावधानों का ध्यान रखना चाहिए ताकि ऐसे नोटिस जारी नहीं हो !
कार्यक्रम में सी ए शैलेन्द्र पोरवाल, अजय समारिआ, चेतन शर्मा, निखिल जैन एवम बड़ी संख्या में चार्टर्ड अकाउंटेंट, कर सलाहकार एवं अधिवक्ता उपस्थित थे। अतिथि स्वागत गोविन्द गोयल एवं उमेश गोयल ने किया ! कार्यक्रम का संचालन एसोसिएशन के एसजीएसटी सचिव सी ए कृष्ण गर्ग ने किया। धन्यवाद् प्रस्ताव दीपक माहेश्वरी ने दिया !