टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन इंदौर और सीए ब्रांच इंदौर के संयुक्त तत्वावधान में आयकर रिटर्न फॉर्म में हुए महत्वपूर्ण परिवर्तनों के संबंध में इंदौर में एक सेमिनार आयोजित किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में चार्टर्ड अकाउंटेंट और टैक्स प्रैक्टिशनर उपस्थित रहे।
सेमिनार का संचालन कर रहे टीपीए के मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने बताया कि इस वर्ष समय से विभाग द्वारा रिटर्न फॉर्म जारी कर दिये हैं जो कि स्वागतयोग्य है।
टैक्स प्रैक्टीशनर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सीए जे.पी. सराफ़ ने बताया कि टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन में सबसे महत्वपूर्ण टूल आईटीआर होता है क्योंकि ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करते ही विभाग का सिस्टम उपलब्ध सारी जानकारियों से रिटर्न डेटा मैच कर अंतर की दशा में स्वतः नोटिस जारी करता है। अतः आवश्यक है कि रिटर्न पूर्ण सावधानी से प्रीपेयर किया जाये।
इंदौर सीए शाखा के चेयरमैन सीए अतिशय खासगिवाला ने कहा कि आयकर रिटर्न की प्रोसेसिंग अब पूर्णतः आईटीआर में दर्शाई गई जानकारी के आधार पर हो रही है। अतः आवश्यक है कि रिटर्न फॉर्म सावधानी से फ़िल करें तथा चाही गई जानकारी सही सही दर्शायें। अन्यथा अंतर होने पर नोटिस का सामना करना पड़ सकता है।
मुख्य वक्ता सीए दीपक माहेश्वरी ने बताया कि इस बार आयकर रिटर्न फॉर्म में अनेक महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। पिछले वर्ष बजट में आयकर कानून में हुए संशोधनों के मद्देनजर आयकर रिटर्न में बहुत सारी नई जानकारी के लिए वांछित कॉलम जोड़ दिए गए हैं। इस वर्ष से नई टैक्स कर प्रणाली को अब डिफॉल्ट बना दिया गया है, और उसे काफी आकर्षक भी बना दिया गया है जिससे अधिकांश करदाता नई रिजिम में ही टैक्स भरना चाहेंगे । रिटर्न फॉर्म में इस बाबत आवश्यक संशोधन किए गए हैं। जो व्यक्ति पुरानी कर प्रणाली के अंतर्गत टैक्स भरना चाहते हैं उनके लिए छूट प्राप्त करने हेतु जानकारीयो को अधिक विस्तृत कर दिया गया है। इस संदर्भ में राजनीतिक दलों को दिए गए चंदे के बारे में अब रिटर्न फॉर्म में काफी विस्तृत जानकारी मांगी गई है, इसके अतिरिक्त आश्रितों के चिकित्सा पर होने वाले खर्च की छूट के लिए भी विस्तृत जानकारी अलग से चाही गई है। इसका असर यह होगा कि अब इन छूटों के बाबत कोई फर्जी क्लेम करना संभव नहीं हो पाएगा। आयकर विभाग के पास करदाता से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ उपलब्ध है, यदि कोई भी करदाता इन जानकारी को अनदेखा करते हुए अपना रिटर्न भरता है तो उसे नोटिस आने की पूरी पूरी संभावना रहती है। व्यक्तिगत करदाता जो ऑडिट करवाते हैं, अब उन्हें अपना आयकर रिटर्न जमा करवाने के लिए डिजिटल सिग्नेचर की आवश्यकता नहीं होगी, वह आधार नंबर पर ओटीपी के जरिए भी रिटर्न को सत्यापित कर सकते हैं। इस वर्ष एमएसएमई के अंतर्गत रजिस्टर्ड इकाइयों को 45 दिनों में भुगतान करने की अनिवार्यता धारा 43 बी के अंतर्गत आयकर कानून में डाली गई है इसका व्यापक असर इस बार के इनकम टैक्स रिटर्न में देखने को मिलेगा। इस संबंध में ऐसे किसी भी राशि जो निर्धारित समय अवधि में भुगतान नहीं किए गए उनकी जानकारी देने के लिए अलग से एनेक्सचर बनाया गया है। ऑनलाइन गेम्स अब भारत में काफी बड़ी मात्रा में संचालित हो रहे हैं, इसे देखते हुए सरकार ने इस वर्ष कानून में एक नई धारा प्रतिस्थापित कर कर उस पर करारोपण को विनियमित किया है, और इस संबंध में आयकर रिटर्न फॉर्म में भी शेड्यूल जोड़कर आवश्यक जानकारी चाही गई है। छोटे व्यवसायिक और प्रोफेशनल करदाताओं के लिए निश्चित प्रतिशत के आधार पर आय घोषित करने के लिए, टर्नओवर का दायरा भी इस वर्ष 2 करोड रुपए से 3 करोड रुपए कुछ शर्तों के साथ में कर दिया गया है, इस संबंध में इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म में व्यापक परिवर्तन किए गए हैं जिससे इस तरह के करदाता, अपनी आय को रिटर्न में सही तरीके से दर्शा पाएंगे।
धन्यवाद अभिभाषण आईसीएआई के रीजनल कौंसिल मेम्बर सीए कीर्ति जोशी ने दिया। इस अवसर पर सीए शैलेंद्र सिंह सोलंकी, सीए आनंद जैन, सीए सुनील पी जैन, सीए सोम सिंहल, सीए प्रमोद तापडिया, सीए प्रणय गोयल, सीए अजय समरिया, एडवोकेट गोविंद गोयल, सीए संकेत मेहता, सीए सुनील जी खंडेलवाल, सीए स्वप्निल जैन सहित बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद थे।