इंदौर । सफलता के लिए सिर्फ किताबी ज्ञान ही पर्याप्त नहीं होता। समय की जरुरतों और परिस्थितियों को ध्यान में रखकर व्यवहारिक ज्ञान हासिल करना भी बेहद जरूरी है। विद्यार्थी में संपूर्णता तभी आती है जब किताबी और व्यवहारिक ज्ञान के साथ वैश्विक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर शिक्षा दी जाए। इसी बात को ध्यान में रखकर माउंट लिट्रा जी स्कूल में एक्टिविटी बेस्ड एजुकेशन प्रोग्राम बनाया गया है। जिससे यहां के विद्यार्थियों को बेहद कम समय में बड़ी उपलब्धियां मिल रही है। इसी शिक्षा प्रणाली का परिणाम है कि यहां की वर्ष 2020 की बैच के छात्र सिद्धार्थ समाधिया का आईआईएम रोहतक के लिए चयन हुआ है। यहां वे पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम में प्रवेश लेकर शिक्षा हासिल करेंगे। उनकी इस सफलता पर स्कूल के प्रबंध निदेशक मयंकराज सिंह भदौरिया, सीईओ रूपेश वर्मा, प्रिंसिपल धरम वर्मा और वाइस प्रिंसिपल नलिनी चौहान नेशुभकामनाएं दीं और उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया।
माउंट लिट्रा जी स्कूल की समन्वयक रुचिका राणा ने बताया कि सिद्धार्थ समाधिया हमारे स्कूल के प्रतिभावान छात्र रहे हैं। कक्षा आठवीं में उन्होंने हमारे यहां प्रवेश लिया था और प्रवेश के बाद से ही वे लगातार अलग-अलग गतिविधियों में सक्रिय रहे। इस दौरान उन्हें चेयरमैन ट्रॉफी सहित कई दूसरे खिताब भी मिले। वे एक एंटरप्रेन्योर बनाना चाहते हैं और अब देश के सर्वोच्च मैनेजमेंट संस्थान आईआईएम से शिक्षा हासिल कर अपने सपने को पूरा कर सकेंगे। खास बात यह है कि कक्षा बारहवीं की शिक्षा के साथ ही वे आईआईएम में प्रवेश की तैयारी भी कर रहे थे और पहली ही बार में बगैर ब्रेक लिए उन्हें यह उपलब्धि हासिल हुई।
स्कूल की यह भी खासियत यह है -कि यहां एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग सिस्टम बनाया गया है। किताबों के अलावा भी अलग-अलग तरीकों से विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार किया जाता है। खेल – खेल में छोटे-छोटे प्रयोग करते हुए बड़े – बड़े कॉन्सेप्ट्स समझाए जाते हैं और विद्यार्थी बड़ी – बड़ी मुश्किलों को बेहद आसानी से हल कर लेते हैं, जिससे उन्हें किसी भी परीक्षा में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता और वे मनचाही सफलता हासिल कर लेते हैं।
प्रतिभा को निखारने का काम करता है स्कूल
स्कूल में शिक्षा के साथ ही विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखारने का काम स्कूल की करियर काउंसलिंग सेल द्वारा किया जाता है। सतत निरीक्षण और गतिविधियों के माध्यम से यह देखा जाता है कि विद्यार्थी किस प्रतिभा में माहिर है हैं और किस विधा का उपयोग कर वह जीवन के सर्वोच्च परिणाम को हासिल कर सकता है। इसलिए बच्चों को अलग-अलग गतिविधियों, विधाओं में प्रदर्शन करने के लिए तैयार किया जाता है। उनकी प्रतिभा को निखारा जाता है और बड़ा मंच प्रदान किया जाता है ताकि वह शिक्षा के साथ ही अलग-अलग क्षेत्रों में भी अपना, स्कूल का एवं परिवार का नाम रोशन कर सकें।