यूपी में बढ़ते अपराधों को देख अखिलेश बोले – प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगना आवश्यक

Akanksha
Published on:

लखनऊ: सामाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध को देखते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों का खूनी खेल जारी है। सत्ता संरक्षित अवांछित समाज विरोधी तत्वों को किसी का डर नहीं है। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों से हत्या, लूट, अपहरण, दुष्कर्म की घटनाओं की सूचनाएं न आती हों। प्रदेश में कानून का राज नहीं रह गया है। राज्य में संवैधानिक संकट के कारण राष्ट्रपति शासन लगना आवश्यक है।

अखिलेश यादव ने एक बयान में कहा कि कानपुर में 22 जून 2020 को अपहृत युवक संजीत यादव की हत्या समूची कानून व्यवस्था की हत्या है। अभी तक उसकी लाश का बरामद न हो पाना पुलिस की अकर्मण्यता और घोर लापरवाही का नतीजा है। साथ ही अखिलेश ने कहा कि पिछले साढ़े तीन वर्षों में प्रदेश में अपराधों की बढ़ोत्तरी ही भाजपा शासन की एक मात्र उपलब्धि रही है। माफियाओं, गुंडो की साठगांठ सत्तारूढ़ दल के नेताओं से है, पुलिस भी उनसे अपनी भागीदारी निभाती है। अभी कानपुर नगर के बिकरू गांव में जो भयानक काण्ड हुआ उससे तो इसी तथ्य की पुष्टि होती है। संजीत यादव के अपहरण के बाद फिरौती की रकम 30 लाख रूपए भी बदमाश पुलिस के सामने से ही लेकर फरार हो गए। खाकी के लिए क्या यह शर्म की बात नहीं?

तो वही सपा प्रमुख का कहना है कि पुलिस मुख्यालय और यूपी डायल 100 पुलिस व्यवस्था समाजवादी सरकार में की गई थी। भाजपा सरकार ने इस सबको चौपट कर दिया है। भाजपा सरकार में किसी का भी जीवन सुरक्षित नहीं है। मुख्यमंत्री के नियंत्रण में अब प्रशासन नहीं रह गया है। खाकी पर अपराधी हावी हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह तहस नहस है। अराजकता की स्थिति के कारण राज्य में संवैधानिक संकट है। समाजवादी पार्टी की मांग है कि उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाये।