वीर बगीची में तीन दिवसीय उत्सव का दूसरा दिन, भजनों पर झूमें भक्त, अलीजा सरकार के जयकारों से गुंजा परिसर

Deepak Meena
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वीर अलीजा सरकार भक्त मंडल ने संगीतमय सुंदरकांड पाठ की प्रस्तुति से संपूर्ण क्षेत्र को किया गुंजायमान, अलीजा सरकार के दर्शनों के लिए लगी भक्तों की भीड़द्वारकामंत्री ने भजनों से जमाया रंग, मध्यरात्रि तक भजनों पर झूमे भक्त, आज होगा मुख्य द्वार का अनावरण

इन्दौर : पंचकुइया स्थित वीर बगीची में जारी 3 दिवसीय महोत्सव के दूसरे दिन अलीजा के दरबार में भव्य भजन संध्या का आयोजन किया गया। जिसमे ख्याति प्राप्त भजन गायक द्वारकामंत्री ने भजनों की प्रस्तुति से मध्य रात्रि तक भक्तों व श्रद्धांलुओं को थिरकाए रखा। श्रीश्री 1008 श्री बाल ब्रह्मचारी प्रभुवानन्दजी सद्गुरू महाराज के शिष्य गादीपति बाल ब्रह्मचारी पवनानंदजी महाराज ने बताया कि मंदिर परिसर में अयोध्या श्रीराम मंदिर की प्रतिकृति एवं गर्भगृह में विराजित अलीजा सरकार के दर्शनों के लिए भी भीड़ उमड़ी। रात 8 बजे प्रारम्भ हुई भजन संध्या मध्यरात्रि तक जारी रही। भजन संध्या में भगवान की वेशभूषा में शामिल कलाकारों ने नृत्य की प्रस्तुति से ऐसा रंग जमाया की भक्त भी कलाकारों के साथ झूमने पर विवश हो गए।

आज होगा मुख्य द्वार का अनावरण होगा, साधु-संत देंगे आशीर्वचन

वीर अलीजा सरकार भक्त मंडल ने बताया कि तीन दिवसीय महोत्सव मुख्य उत्सव बुधवार 24 जनवरी को आयोजित होगा। जिसमें शाम 4.30 बजे अलीजा सरकार की महाआरती के पश्चात शाम 5 बजे मुख्य द्वार का अनावरण गादीपति बाल ब्रह्मचारी पवनानंदजी महाराज करेंगे। गादीपति बाल ब्रह्मचारी पवनानंदजी महाराज ने बताया कि वीर बगीची के मुख्य द्वार के निर्माण में डेढ़ साल का समय लगा है। जयपुर और उड़ीसा के कारिगरों ने मकराना मार्बल (संगमरमर) पर आकर्षक नक्काशी कर इसे मूर्तरूप दिया है। 50 फीट के इस भव्य द्वार की छटा अब बाहर से ही देखते बनती है। सबसे बड़ा द्वार 20 फीट का बनाया गया है तो वहीं आसपास 10-10 फीट के छोटे द्वार बनाए गए हैं। वीर बगीची में बनने वाले मुख्य द्वार की प्रतिकृति मथुर के प्रेम मंदिर द्वार की हुबहु प्रतिकृति बनाई गई है।

साधु-संतों का मिलेगा सान्निध्य

वीर बगीची में आयोजित तीन दिवसीय महोत्सव के मुख्य उत्सव में सभापति परम पूज्य मुक्तानंदजी (श्री पंच अग्नि अखाड़ा), महामण्डलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंदगिरीजी महाराज (अन्नपूर्णा पीठाधीश्वर), पूज्य गुरूदेव डॉ. स्वामी दिव्यानंदजी महाराज (हरिद्वार) एवं महंत श्री सम्पूर्णानंदजी ब्रह्मचारी सचिव श्री शम्भुपंच अग्नि अखाड़ा शामिल होंगे।