ज्योतिरादित्य सिंधिया के इंदौर आगमन के पहले ही सोमवार को रिमझिम बारिश के बीच शहर की राजनीति का पारा चढ़ गया। सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने को लेकर गुस्साए कांग्रेसी उन्हें काले झंडे दिखाने पर अड़े रहे। इसके लिए उन्होंने विधानसभा -2 में हस्ताक्षर अभियान के जरिए पूरी प्लानिंग भी कर ली। लेकिन बिना अनुमति के उनके धरने को पुलिस ने हटा दिया।
इस बीच पुलिस ने उनके नेता चिंटू चौकसे को गिरफ्तार किया तो कार्यकर्ता आगबबूला हो गए, जिस पर पुलिस ने लाठी भांजकर उन्हें शांत किया।कांग्रेसियों ने सिंधिया के विरोध में अरविंदो चौराहे पर एक टेंट लगाया था। यहां पर बड़ी संख्या में कांग्रेसी मौजूद थे। सिंधिया के आने के पहले ही पुलिस ने कांग्रेसियों को टेंट सहित वहां से हटा दिया। इस दौरान कांग्रेसियों ने भाजपा सरकार और पुलिस-प्रशासन पर तानाशाही का आरोप लगाया।
कहा कि काले झंडे दिखाने से पहले हमारी गिरफ्तारी दिखा रही है कि सरकार कितनी चिंतित है। हंगामा कर रहे कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठी भांजी और उन्हें पुलिस वैन में बिठा लिया। इस दौरान विधानसभा – 2 के पार्षद चिंटू चौकसे ने अपनी और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का विरोध किया।विधायक बोले- चौकसे की गिरफ्तारी गलत कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने चौकसे की गिरफ्तार को लेकर कहा कि सिंधिया प्रदेश के नेता हैं।
जब वे कांग्रेस में थे तो हम उनके स्वागत में पहुंचे थे, आज वे भाजपा में हैं तो उनके कार्यकर्ता जा रहे हैं। कांग्रेस में रहते हुए वे मेरे घर, विधायक विशाल पलेट, शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल सहित कई कांग्रेसियों के यहां गए थे। पार्टी अपनी जगह है दुख-खुश में जाना चाहिए यदि आज भी वे हमारे यहां आएंगे तो उनका स्वागत करेंगे। विधायक ने चौकसे की गिरफ्तारी को लेकर कहा कि यह गलत है। हम विपक्ष में हैं और हमारा काम विरोध करना है। सभी कांग्रेस एक साथ हैं। यदि हमारे विरोध करने पर हमें गिरफ्तार किया जाएगा तो एक नहीं हम 100 बार गिरफ्तारी देने को तैयार हैं।