नई दिल्ली। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को अब अपना पुराना बंगला वापस मिल गया है। गौरतलब है कि, सिंधिया ने कुछ समय पहले ही कांग्रेस छोड़ बीजेपी ज्वाइन की थी। बता दें कि, सिंधिया ने साल 2019 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव हारने के बाद ज्योतिरादित्य ने 2020 में बीजेपी जॉइन कर ली थी। वहीं बीजेपी में शामिल होने के करीब साल भर बाद उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिली। मंत्री बनने के बाद उन्हें वहीं बंगला एलॉट हुआ है जिसमें से उनके पिता माधवराव सिंधिया की अंतिम यात्रा निकली थी।
बता दें कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्रीय मंत्री बनने के बाद 27, सफदरजंग रोड वाला बंगला मिला है। इस बंगले में पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक रह रहे हैं। अब कुछ ही दिनों में वह ये बंगला खाली कर देंगे और अब 27, सफदरजंग रोड के बंगले में शिफ्ट हो जाएंगे। यह बंगला ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए बेहद ख़ास है क्योंकि उनके पिता माधवराव की यादें बसी हुई है। उनको यह बंगला 1980 में एलॉट हुआ था तब वह राजीव गांधी सरकार में मंत्री थे। 1980 से 2001 तक माधवराव सिंधिया उसी घर में रहे। 2001 में जब प्लेन क्रैश में उनका निधन हुआ तो उनकी अंतिम यात्रा इसी बंगले से निकली थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए ये बंगला भावनात्मक रूप से काफी करीब है।
माधवराव के निधन के बाद भी यह बंगला उनके परिवार के पास ही रहा। ज्योतिरादित्य सिंधिया 2019 तक इस बंगले में रहे। गुना लोकसभा सीट हारने के बाद उन्हें ये बंगला खाली करना पड़ा था। एक बार फिर से उन्हें यह बंगला मिल गया है। 7 कमरों और एक सर्वेंट क्वार्टर वाले इस टाइप- VIII वाला बंगला मध्यप्रदेश की राजनीति का केंद्र हुआ करता था।