इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना 171 लैप्स होने वाली है। जिसको लेकर खुद आईडीए ने हाईकोर्ट में एफीडेविड फाइल किया है। हालांकि मामला अभी पूरी तरीके से क्लीयर नही हुआ है। अब कानूनी पेंच के रूप में कलेक्टर और सहकारिता विभाग पर अटका हुआ है। हालांकि कलेक्टर और कमिश्नर दीपक सिंह ने पहल की है। संभागायुक्त की बैठक में चर्चा की गई और आगे बढ़ने का निर्णय लिया गया है।
हाईकोर्ट में IDAने दिया एफीडेविड
आईडीए ने कोर्ट में दिए एफीडेविड में बताया कि हम स्कीम नं 171 को लैप्स करने का निर्णय ले चुकें है। शासन के नियम के अनुसार जहां 10 फीसदी से कम का विकास हुआ है। वहां विकास खर्च को लेकर लैप्स करने का निर्णय हम लिए है। साथ ही बताया कि भू स्वामियों की पहचान के संबंध में कलेक्टर और सहकारिता विभाग को पत्र लिख रखा है। पहचान होने के बाद पहचान होना है, और राशि को लेकर योजना को लैप्स में डाल दिया जाएगा।
शासन के नियम
2020 के नियम के अनुसार 10 फीसदी से कम विकास वाली स्कीम को लैप्स कर दिया जाना चाहिए। साथ ही इस विकास कार्य में आईडीए ने जो खर्च किया है। वह राशि जारी कर सोसाइटी प्रारूप जारी करेगी। फिर दो माह में भरपाई और निराकरण कर स्कीम को लैप्स कर दिया जाएगा।
भूमाफियाओं का बोलबाला
यह जमीन भूमाफियाओं के जाल में फंसी है, जिसमे सबसे बड़ा नाम दीपक मद्दा का है । इसके साथ बब्बू छब्बू जैसे माफियाओं का नाम शामिल है। हालांकि जब स्कीम को मुक्त करने का समय आता है। प्रशासन भू माफियाओं को फायदा होगा कहकर रूक जाता है। भूमाफियाओं के पास कई प्लाट है जिससे उनको करोड़ो का फायदा होगा, लेकिन पिड़ित कई सालों से प्लाट के लिए परेशान हो रहें है।