नई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) ने बालासोर रेल दुर्घटना से संबंधित मामले को दर्ज कर जांच शुरू कर दीहै। सीबीआई की जांच को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। विपक्ष ने सीबीआई जांच कोलेकर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। तृणमूल के बाद कांग्रेस ने भी सीबीआई जांचको सरकार की विफलता छुपाने की साजिश बताया है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने पिछले मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि क्या सचमुच सीबीआई औरराष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इस मामलेमें कुछ कर पाएगी।
इससे पहले कानपुर और कुनेरु रेल हादसे की जांच एनआईए को सौंपीगई थी। आज 7 साल बाद भी इन मामलों में चार्जशीट दायर नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जो इस तरह के मामलों के विशेषज्ञ हैं, उनसे इस दुर्घटना की जांचकराई जानी चाहिए। सरकार को अपनी विफलता से ध्यान हटाने के लिए एनआईए और सीबीआई कोइन मामलों में शामिल नहीं करना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहाकि केंद्र सरकार यात्री सुरक्षा पर ध्यान देने से सरकार भाग रही है।
उन्होंने हादसे की सीबीआई जांच कराने को लेकर कई सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा कि क्यासीबीआई यह ढूंढेगी कि 3 लाख से ज़्यादा पद रेलविभाग में खाली क्यों हैं? क्या सीबीआई पता करेगी किलोको चालक से 12 घंटे से ज़्यादा की ड्यूटी क्यों कराई जा रही है? क्या सीबीआई पता करेगी किट्रैक की मरम्मत और नए ट्रैक बिछाने का बजट जो 2018-19 में 9607 करोड़ था वो 2019-20 में घटकर 7417 करोड़ क्यों हुआ? वहीं, सीबीआई का एक जांच दल बालासोर (ओडिशा) पहुंच गया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक बयान जारी कर मामला दर्ज करने की जानकारी दी है।
जांच एजेंसी ने बताया कि कोरोमंडल एक्सप्रेस, यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी से संबंधित ट्रेनदुर्घटना के संदर्भ में रेल मंत्रालय के अनुरोध और ओडिशा सरकार की सहमति व डी ओपीटी के आदेशों पर मामला दर्ज कर लिया गया है। सीबीआई ने उक्त दुर्घटनाके संबंध में जीआरपीएस केस संख्या 64 दिनांक 03.06.2023 द्वारा बालासोर जीआरपीएस,जिला कटक (ओडिशा) में दर्ज मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है। एजेंसी ने कहा कि मामले में जांच जारी है।