इस दिन रखा जाएगा सावन शिवरात्रि का व्रत, जानें तिथि, मुहूर्त, व्रत विधि और महत्व

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श्रावण मास भगवान महादेव को बेहद प्रिय होता है। सावन का महीना हिंदू धर्म में सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है। साथ ही इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। सावन के महीने में सोमवार व्रत और शिवलिंग का जलाभिषेक करके भोलेनाथ को प्रसन्न किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन शिवरात्रि को बहुत ही शुभफलदायी माना जाता है। इस साल सावन शिवरात्रि 6 अगस्त 2021 शुक्रवार को पड़ रही है। आइए जानते हैं सावन शिवरात्रि में भगवान भोलेनाथ को कैसे प्रसन्न करें।

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सावन शिवरात्रि जलाभिषेक मुहूर्त
चतुर्दशी तिथि आरंभ-  06 अगस्त दिन शुक्रवार शाम को 06 बजकर 28 मिनट से
चतुर्दशी तिथि समाप्त-  07 अगस्त 2021 को शाम 07 बजकर 11 मिनट पर

सावन शिवरात्रि पूजा-विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण करना चाहिए। घर के मंदिर में दीपक प्रज्वलित करें। सभी देवी और देवताओं का गंगा जल और पंचामृत से अभिषेक करें। भगवान को पुष्प अर्पित करें। भगवान शिवजी की आरती करें और भोग लगाएं।

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सावन शिवरात्रि की पूजा सामग्री
फूल, पांच फल, रत्न, सोना, चांदी, पूजा के बर्तन, आसन, दही, घी, शहद, गंगा जल, इत्र, गंध रोली, मौली, मिठाई, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, गने का रस, कपूर, धूप, दीपक, रूई, चंदन आदि।

सावन शिवरात्रि का महत्व
सावन शिवरात्रि पर भगवान शंकर पर जलाभिषेक किया जाता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस प्रमुख शिव मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ किया जाता है। गंगाजल से शिवलिंग पर जलाभिषेक कर हर तरह की मनोकामना की पूर्ति के लिए भगवान शिव का आशीर्वाद लिया जाता है। मान्यता है जो भी शिवभक्त सावन शिवरात्रि पर भोलेनाथ का जलाभिषेक करता है उसकी सभी तरह की इच्छाएं जरूर पूरी होती है।