Sawan 2021: अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए सावन में करें ये 6 उपाय, बिगड़े काम होंगे पुरे

Share on:

श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन कामिका एकादशी मनाई जाती है। कामिका एकादशी विष्णु भगवान की अराधना एवं पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय होता है। मान्‍यता है क‍ि इस व्रत के पुण्य से जीवात्मा को पाप से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही मनोवांछ‍ित कामनाओं की भी पूर्ति होती है। धार्मिक मान्यता है कि सावन के महीने में मां पार्वती ने भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी।

इसी सावन के महीने में सावन सोमवार व्रत, मंगला गौरी और हरियाली तीज जैसे व्रत सौभाग्य प्राप्ति के लिए रखे जाते हैं। सावन में वैवाहिक जीवन को सुखी बनाने के लिए माता पार्वती और भगवान शिव दोनों की आराधना करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि यदि सुहागिन महिलाएं सावन माह में कुछ उपाय करें तो उन्हें मां पार्वती का आशीर्वाद मिलता है और उनका दांपत्य जीवन खुशियों से भर जाता है।

bholenath

-सावन माह में रोजाना सुबह भगवान शिव का जलाभिषेक करें। इसके बाद ही भोजन करें। सावन भर यह उपाय करने से मां पार्वती और भगवान शिव सौभाग्य का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

-सावन माह में मंगलवार को पड़ने वाला मंगला गौरी व्रत रखना चाहिए और इस दिन मां गौरा देवी को सुहाग का श्रृंगार अर्पित करना चाहिए। इससे माता रानी प्रसन्न होती हैं और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं।

-श्रावण मास में हरे रंग का विशेष महत्व है। इस समय वातावरण में भी चारो तरफ हरियाली छा जाती है। सुहागिन महिलाओं को सौभाग्य प्राप्ति के लिए सावन माह में हरी चूड़िया और हरे वस्त्र धारण करना चाहिए। ऐसा करने से मां गौरा का आशीर्वाद मिलता है।

-सावन माह में पड़ने वाले व्रत हरियाली तीज के दिन मेहंदी जरूर लगानी चाहिए। इस दिन हाथों में मेहंदी रचाना शुभ होता है। दरअसल मेहंदी को सुहाग की निशाना माना जाता है। हरियाली तीज सावन माह शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाई जाती है।

-श्रावण माह में भगवान शिव के भजन गाने चाहिए। पूजा के दौरान शिव आरती का गान करना चाहिए। ऐसा करने से मां पार्वती और भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस उपाय को करने से वैवाहिक जीवन सुखी होता है।

-सावन के महीने में भगवान शिव और मां पार्वती का ध्यान करना चाहिए। इस महीने किसी की निंदा ना करें और न ही किसी से झगड़ा करें। यदि गुस्सा आए तो उस दौरान खुद को शांत रखें और गुस्से पर कंट्रोल करें। यदि क्रोध आए तो ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।