नर्मदा तट ग्वारीघाट के पंप हाउस के पास सोमेश्वर धाम में वैसे तो पुरे साल भर अनुष्ठान किए जाते हैं। ऐसे में भगवान भोलेनाथ के प्रिय महीने यानी सावन में विशेष रूप से भोले का अभिषेक और श्रृंगार किया जाता है। कल यानि बीते दिन सावन का आखिरी सोमवार था। ऐसे में यहां भारी संख्या में लोग दर्शन करने के लिए पहुंचे। सावन में पूजन करने के लिए लोग यहां सुबह से पहुंचने लगते हैं।
बताया जा रहा है कि दिनभर अनुष्ठान के बाद यहां शाम के समय भगवान का आकर्षक श्रृंगार किया जाता है। वहीं पास में ही नर्मदा की कल-कल धारा की आवाज सुनकर श्रद्धालुओं को आनंद के क्षण महसूस होते हैं। खास बात ये है कि यहां साल में एक बार मां नर्मदा नर्मदा भगवान पशुपतिनाथ का अभिषेक करती हैं। ऐसे में गर्भग्रह में दस से बारह घंटे करीब दस फीट तक पानी भरा रहता है।
नंदी के साथ विराजे हैं पशुपतिनाथ –
बता दे, इस मंदिर में भगवान अपने वाहक नंदी के साथ विराजे हैं। भगवान पशुपतिनाथ रूप में यहां भक्तों को दर्शन देकर उनकी मनोकामनाएं पूर्ण कर रहे हैं। यहां एक बार व्यक्ति जरूर भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए आता है। उसके बाद उसका मन बार-बार आने को करता है। मान्यताओं के अनुसार, यहां मंदिर का निर्माण वर्ष 2002 में किया गया था। इसके बाद मंदिर में मूर्ति स्थापना की गई। तब से लेकर अभी तक मंदिर में अनवरत पूजन-पाठ के साथ भोले का अभिषेक किया जा रहा है।
विशेषता –
आपको बता दे, इस मंदिर में भगवान पशुपतिनाथ की मूर्ति काले रंग की है। इस मूर्ति को जयपुर से लाया गया है। मंदिर से शिवपुत्री मां नर्मदा के भी दर्शन होते हैं। आस्थापूर्वक भोले का पूजन करने से लोगों की मनोकामना की भी पूर्ति होती है। यहां शहर के अलावा बाहर से भी भक्त परिवार सहित पूजन-अर्चन करने के लिए पहुंचते हैं।