Saurabh Sharma Case : RTO के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के मामले में एक नई अपडेट सामने आई है। शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ग्वालियर और भोपाल में सौरभ से जुड़े लोगों के घरों पर छापे मारे। हालांकि, सौरभ अब तक ED की गिरफ्तारी से बाहर हैं। इस बीच, सौरभ के वकील ने उनके लिए सुरक्षा की मांग की है और इस मामले को लेकर कुछ गंभीर आरोप लगाए हैं।
वकील का बड़ा बयान: ‘सोने और संपत्ति के पीछे बड़े नाम हैं’
सौरभ शर्मा के वकील ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, “पकड़ा गया सोना और अकूत संपत्ति दरअसल राजनेताओं और ब्यूरोक्रेट्स की है। यह भ्रष्टाचार उनके द्वारा किया गया है और यह मामला काफी पुराना है।” वकील ने यह भी कहा कि एक कांस्टेबल के तौर पर सिर्फ सात साल की नौकरी में इतनी संपत्ति और सोना जमा करना असंभव है। उन्होंने आरोप लगाया कि सौरभ को एक सोची-समझी साजिश के तहत फंसाया गया है और पुराने राजनेताओं और ब्यूरोक्रेट्स ने उन्हें एक आसान टारगेट बना लिया है।
सरकार को पत्र लिख कर सुरक्षा की किया मांग
वकील ने इस मामले को हाई प्रोफाइल बताते हुए कहा, “सौरभ और अन्य आरोपियों की जान को खतरा है। यह केस बहुत बड़ा है और इन लोगों को अपराधी के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, जबकि यह बिल्कुल सही नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि सौरभ और उनके पार्टनर को सिर्फ मोहरा बना दिया गया है और उन्हें सुरक्षा की जरूरत है। वकील ने यह अपील की कि लोकायुक्त प्रेस कांफ्रेंस करे और सुनिश्चित करे कि सौरभ को जान का खतरा नहीं है, बल्कि उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाई जाएगी।
सरकार से निष्पक्ष जांच की अपील की
सौरभ के वकील ने सरकार से निष्पक्ष जांच की अपील की है। उन्होंने कहा, “सुरक्षा मिलने के बाद इस मामले की जांच जारी रखी जानी चाहिए और मामले में शामिल अन्य लोगों की तलाश भी करनी चाहिए। बड़े नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स पर भी निष्पक्ष रूप से कार्रवाई होनी चाहिए।” वकील ने यह भी बताया कि कुछ जांच एजेंसियों ने पहले ही सौरभ को आरोपी मान लिया है, जबकि इस मामले में कई बड़े नाम भी शामिल हैं।