शनि की साढ़े साती बृहस्पति ग्रह की राशि पर होगी शुरू, इन जातकों पर ऐसा रहेगा प्रभाव

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शनि को न्याय और कर्मफल का देवता माना जाता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार शनि के नाराज होने से व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। शनिदेव प्रसन्न होते हैं तो बिगड़े हुए काम बन जाते हैं और सफलता भी प्राप्त होती है। शनि देव की कृपा न हो तो कोई काम सफल नहीं हो पाता है ना ही शादी , ना ही संतान, और ना ही धन की प्राप्ति हो पाती है।

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शनि का स्वभाव कठोर है, जिस वजह से शनिदेव के बुरे प्रभाव से लोग भयभीत रहते हैं। शनि देव के बुरे प्रभाव से बचने के लिए व्यक्ति को अच्छे कर्म करने चाहिए। आज इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे शनि देव किन लोगों पर हमेशा कृपा करते हैं। इन लोगों पर शनि का अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता है। शनि का राशि परिवर्तन हर ढाई साल में होता है।

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इस तरह से शनि अपना राशि चक्र लगभग 30 साल में पूरा करते हैं। ज्योतिष अनुसार शनि सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह माने जाते हैं। शनि जब भी राशि बदलते हैं तो इसका प्रभाव एक साथ 5 राशियों के लोगों पर पड़ता है। शनि अभी मकर राशि में गोचर हैं लेकिन साल 2022 से ये कुंभ राशि में गोचर करने लगेंगे। जानिए शनि के राशि परिवर्तन से किस राशि वालों पर शुरू हो जायेगी शनि की साढ़े साती।

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शनि का राशि परिवर्तन कब
शनि 29 अप्रैल 2022 से अपनी ही राशि कुंभ में प्रवेश करने जा रहे हैं और 29 मार्च 2025 तक इसी राशि में मौजूद रहेंगे। इस बीच शनि अपनी वक्री अवस्था में कुछ समय के लिए मकर राशि में गोचर करेंगे। इस गोचर की अवधि कुछ महीनों की होगी। शनि 12 जुलाई 2022 से वक्री चाल चलते हुए मकर राशि में आ जायेंगे और 17 जनवरी 2023 तक इस राशि में विराजमान रहेंगे। इसके बाद कुंभ राशि में वापस आ जायेंगे।

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इस राशि पर शुरू होगी शनि साढ़े साती:
शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही मीन वालों पर शनि साढ़े साती शुरू हो जायेगी। मीन राशि के स्वामी ग्रह देवगुरु बृहस्पति माने जाते हैं। शनि के इनसें संबंध अच्छे होने के कारण शनि की दशा का इस राशि वालों पर उतना बुरा प्रभाव नहीं पड़ता। वहीं शनि के राशि परिवर्तन के बाद से धनु वालों पर से शनि साढ़े साती हट जाएगी। जबकि मकर और कुंभ वालों पर इसका असर बना रहेगा।

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शनि साढ़े साती के दौरान क्या करें
शनि दशा की अवधि में शनि देव की अराधना करनी चाहिए। हर शनिवार मंदिर में जाकर शनि देव की मूर्ति पर सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए। पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। शनि से संबंधित चीजों का दान करना चाहिए। बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए। जरूरतमंदों की सहायता करनी चाहिए। हर काम सावधानी से करना चाहिए।