सतपुड़ा भवन अग्निकांड: आग से घिरे कार्यालय से निकाले महत्वपूर्ण दस्तावेज और कम्प्यूटर

Deepak Meena
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भोपाल : स्वास्थ्य संचालनालय के 4 अधिकारी/ कर्मचारियों ने सोमवार को सतपुड़ा भवन में अग्निकांड के दौरान जान की बाजी लगाकर कर्तव्यों का निर्वहन किया। उप संचालक डॉ. हिमांशु जायसवार, ए.एस.ओ. विनोद सूरी, कम्पयूटर ऑपरेटर गोपाल साहू और सहायक राजकुमार गर्ग ने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए सतपुड़ा भवन में आग लगने पर साथी अधिकारियों और कर्मचारियों को चौथे तल से सुरक्षित निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आग लगने पर धुएँ से भरे आफिस में से महत्वपूर्ण 50 फाइल ओर 5 कम्प्यूटर लैपटॉप को सुरक्षित निकाल कर कर्तव्य निर्वहन की अनूठी मिसाल पेश की।
डॉ.जायसवार ने बताया कि सोमवार दोपहर बाद सतपुड़ा भवन के तीसरे तल पर आग लगने की सूचना पर उन्होंने चौथे तल पर आग के बड़ने की आशंका के दृष्टिगत चौथे तल पर स्वास्थ्य संचालनालय से साथी अधिकारियों और कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने चौथे तल के कार्यालय के एक-एक कक्ष में जाकर आवाज लगाई। आग लगने की सूचना देकर सबको बाहर जाने के लिए कहा।
साथी अधिकारियों/कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकालने के बाद डॉ. जायसवार अपने कार्यालय के सहयोगियों के साथ कार्यालय से महत्त्वपूर्ण अभिलेख निकालने बढ़ती आग के बीच फिर से चौथे तल पर कार्यालय में गए। उन्होंने बताया कि जब वे कार्यालय में फाइलों को सर्च कर रहे थे तब  तक आग चौथे  तल पर लग चुकी थी। डॉ. जायसवार अपने साथियों के साथ 5 कम्प्यूटर, लैपटॉप और 50 महत्वपूर्ण फाइलों को लेकर चौथे तल पर धुंएँ के बीच सीढ़ियों से नीचे आए।
डॉ. जायसवार ने बताया कि उनका पहला प्रयास सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाले का था, जिसमें वे सफल रहे। इसके बाद उन्होंने रिकार्ड को निकालने का भी प्रयास किया और कुछ हद तक कामयाब भी रहे। सतपुड़ा भवन में आग लगने पर अपनी जान की परवाह किए बिना अपने साथियों को सुरक्षित बाहर निकालने और महत्वपूर्ण फाइलों, कम्प्यूटर लैपटॉप को आग में जलने से बचाने के डॉ. हिमांशु जायसवार, सूरी, साहू और गर्ग के साहसिक प्रयास की वरिष्ठ अधिकारियों ने सराहना की है ।