संगीत की दुनिया को लगा एक और बड़ा झटका, नहीं रहें संतूर वादक Pandit Bhajan Sopori

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संगीत की दुनिया से एक के बाद एक दुखद खबर सुनने को मिल रही है। 29 मई को पंजाबी सिंगर सिधु मूसेवाला (Sidhu Musewala) की हत्या हुई, फिर उनके बाद सिंगर केके (KK) की भी मृत्यु हो गई और अब 74 साल के संतूर वादक पंडित भजन सोपोरी (Pandit Bhajan Sopori) का भी निधन हो गया है। संतूर वादक का निधन गुरुग्राम (Gurugram) के फोर्टिस हॉस्पिटल में हुआ है। खबरों के अनुसार उनकी काफी लंबे वक्त से तबीयत खराब थी। आपको बता दें को कुछ समय पहली ही संतूर वादक शिव कुमार शर्मा (Shiv Kumar Sharma) का भी निधन हुआ था। जिसके गम से लोग अभी ही बाहर ही आए थे और अब ये हो गया।

कौन थे भजन सोपोरी

भजन सोपोरी एक जाने माने संतूर वादक थे। उनका पूरा नाम भजन लाल सोपोरी था। उनके परिवार में दादा एससी सोपोरी और पिता एसएन सोपोरी भी संतूर वादक थे। इनका जन्म साल 1948 में श्रीनगर में हुआ था। भजन सोपोरी ने अंग्रेजी साहित्य में एम ए किया था। इसके बाद बाहर पढ़ने के लिए गए और उन्होंने वाशिंगटन विश्वविद्यालय से पश्चिमी शास्त्रीय संगीत की पढ़ाई की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने अपने दादा और पिता की संतूर वादक कला में हिस्सा ले लिया। वह एक जाने माने सूफियाना घराना से है। इसके साथ ही उन्होंने तीन रागों की भी रचना की है। पहला राग लालेश्वरी, दूसरा राग पटवंती और तीसरा राग निर्मल रंजनी है।

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भजन सोपोरी के योगदान

भजन सोपोरी ने सोपोरी अकादमी फार म्यूजिक एंड परफार्मिंग आटर्स की स्थापना की है। वो एकमात्र ही ऐसे कलाकार रहे है जिन्होंने संस्कृत, अरबी, फारसी इससे भी ज़्यादा भाषाओं में चार हजार से ज़्यादा गानों के लिए संगीत तैयार किया है।

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