कलेक्टर की चेतावनी, CM हेल्पलाइन में शिकायतकर्ता का निराकरण नहीं करने वाले अधिकारी का कटेगा वेतन

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उज्जैन : कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने सीएम हेल्पलाइन के लेवल-1 के अधिकारियों को चेतावनी दी है कि वे शिकायत दर्ज होने के चौबीस घंटे के अन्दर शिकायतकर्ता से दूरभाष पर चर्चा करें एवं संतुष्टि से शिकायत का निराकरण करने का प्रयास करें। चौबीस घंटे में यदि एल-1 अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता से सम्पर्क नहीं किया जाता है और यह बात मॉनीटरिंग में पकड़ में आती है तो सम्बन्धित अधिकारी का एक माह का वेतन काटा जायेगा।

उन्होंने नियंत्रणकर्ता अधिकारियों को भी चेताया है कि वे अपने अधीनस्थों को इस सम्बन्ध में स्पष्ट हिदायत दे दें, अन्यथा उनके विरूद्ध भी कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर ने सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण की आज टीएल बैठक में समीक्षा की एवं एल-1 अधिकारियों की लापरवाही पर नाराजगी व्यक्त की। बैठक में अपर कलेक्टर श्री अवि प्रसाद, नगर निगम आयुक्त श्री क्षितिज सिंघल, जिला पंचायत सीईओ श्री अंकित अस्थाना सहित विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी मौजूद थे।

कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने बैठक में निम्नानुसार निर्देश दिये :-

• कोरोना वेक्सीनेशन की समीक्षा की तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिले के सभी एसडीएम को निर्देश दिये कि वे प्रति सेन्टर निर्धारित 100 लोगों के टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करें।

• कलेक्टर ने सभी एसडीएम को कहा है कि वे अपने क्षेत्र के धर्मस्व विभाग के मन्दिरों की जमीन की जानकारी निर्धारित प्रारूप में अगले एक सप्ताह में अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करें। साथ ही उन्होंने कहा है कि आज की स्थिति में कितनी जमीन मन्दिर के पास है और कितनी पर अतिक्रमण है, इसके बारे में भी स्पष्ट रूप से बताया जाये।

• खाद्य अपमिश्रण को रोकने के लिये खाद्य एवं औषधी निरीक्षक को निर्देश दिये गये हैं कि वे दूध व मावे के साथ-साथ अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट की ओर ध्यान देकर कार्यवाही करें।

• जिले की छह गौशालाओं में छह घनमीटर क्षमता का बायोगैस लगाया जाना है। इस सम्बन्ध में उन्होंने उप संचालक कृषि को निर्देशित किया है कि बायोगैस से निकलने वाली गैस एवं खाद की बिक्री ग्रामीण क्षेत्र में हो सके, इस पर कार्य योजना बनाई जाये। उल्लेखनीय है कि खाद एवं गैस की बिक्री से गौशाला में कार्य करने वाले कर्मचारियों का वेतन आदि निकलने में आसानी होगी।

• कलेक्टर ने ऐसे समस्त उद्यम की सूची बनाने के निर्देश दिये हैं, जिनमें मैथेनॉल का उपयोग होता है अथवा मैथेनॉल बायप्रोडक्ट के रूप में बनता है। कलेक्टर ने ऐसे उद्योगों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिये हैं।