कोरोना वैक्सीन को लेकर बोले सद्गुरु- वैक्सीन ना होती तो अब तक जिंदा ही ना होते

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कोरोना वैक्सीन को लगवाने के लिए बड़े से बड़े नेता और सेलिब्रिटी लोगों से अपील कर रहे हैं। ऐसे में अब तक कई लोग वैक्सीन लगवा। लेकिन अभी भी कुछ लोग इसके साइड इफ़ेक्ट से डर रहे हैं। ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए हाल ही में ‘ईशा फाउंडेशन’ के फाउंडर सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने एक इंटरव्यू में इस विषय पर बात करते हुए कहा है कि आप और हम आज यहां जिंदा इसलिए ही बैठे हैं, क्योंकि बचपन से ही हमें कई तरह की बीमारियों से बचने के वैक्सीन दिए गए हैं।

वरना, 1947 में आजादी के बाद प्रत्येक भारतीय की औसत आयु सिर्फ 28 साल थी। उस परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो हम में से किसी को जिंदा नहीं होना चाहिए था। उन्होंने कहा हम लोग मॉडर्न साइंस के फायदों को भुला चुके हैं। अगर मॉडर्न जमाने की मेडिसिन ना होती तो हम में से कई लोग फ्लू से ही मर चुके होते। आपको मरने के लिए कैंसर की जरूरत नहीं। एक साधारण छींक आने से भी आपकी मौत हो सकती है। इस वायरस ने हमें बता दिया कि अगर आप छींकते हैं तो आपकी मौत हो सकती है।

मौजूदा हालात ऐसे हैं कि लोग बम ब्लास्ट से ज्यादा एक-दूसरे की छींक से घबराने लगे हैं। लोगों में इसे लेकर चिंता इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि उन्होंने अभी अचानक से जीवन की क्षणभंगुरता के बारे में सोचना शुरू किया है। अगर आप पहले से इस बारे में सोचते तो आप वास्तविक रूप से आध्यात्मिक होते। क्योंकि मृत्यु आपको ये महसूस कराती है कि आपका शरीर अमर नहीं है। उन्होंने कहा लोगों को अगर ये एहसास हो जाए कि उनके पास बहुत वक्त नहीं है तो वे फालतू की चीजों पर अपना समय बर्बाद करना बंद कर देंगे।