जयपुर: राजस्थान की सियासत में सचिन पायलट के बगावती तेवर से आए सियासी भूचाल पर कांग्रेस ने सख्त रूप अपनाते हुए उनसे सभी अधिकार छीन लिए है। सचिन पायलट और उनके दो करीबी मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है। इसके साथ ही पायलट को डिप्टी सीएम पद और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया है।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में विधायकों ने अशोक गहलोत को अपना नेता माना और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। इसके बाद सचिन पायलट के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है। उनकी जगह पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। सचिन पायलट के अलावा विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है।
कांग्रेस की कार्रवाई के बाद सचिन पायलट की पहली प्रतिक्रया आई है। सचिन पायलट ने ट्वीट करके कहा कि सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं। इसके साथ ही सचिन पायलट ने अपने ट्विटर बॉयो से डिप्टी सीएम हटा दिया है और कहीं भी कांग्रेस का जिक्र नहीं है।
सचिन पायलट के ट्विटर बॉयो में लिखा है- टोंक से विधायक | आईटी, दूरसंचार और कॉर्पोरेट मामलों के पूर्व मंत्री, भारत सरकार | कमीशन अधिकारी, प्रादेशिक सेना।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही मंत्री पद से हटाए जाने का ऐलान किया। सुरजेवाल ने कहा कि पायलट के साथ ही विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्री पद से हटाया जा रहा है। सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस विधायक पायलट के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे।