मुंबई को PoK बताने का विवाद जिसने शुरु किया उसी को मुबारक: शिवसेना

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मुंबई: मुंबई की तुलना पीओके से किए जाने के कंगना के बयान पर शिवसेना ने निशाना साधा है। सामना में लिखा गया है कि मुंबई पाक अधिकृत कश्मीर है कि नहीं, यह विवाद जिसने पैदा किया, उसी को मुबारक। मुंबई के हिस्से में अक्सर यह विवाद आता रहता है लेकिन इन विवाद माफियाओं की फिक्र न करते हुए मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित है।

सवाल सिर्फ इतना है कि कौरव जब दरबार में द्रौपदी का चीरहरण कर रहे थे, उस समय सारे पांडव अपना सिर झुकाए बैठे थे।उसी तरह का दृश्य इस बार तब देखने को मिला जब मुंबई का वस्त्रहरण हो रहा था। शिवसेना प्रमुख हमेशा घोषित तौर पर कहते थे कि देश एक है और अखंड है. राष्ट्रीय एकता तो है ही लेकिन राष्ट्रीय एकता का ये तुनतुना हमेशा मुंबई-महाराष्ट्र के बारे में ही क्यों बजाया जाता है? राष्ट्रीय एकता की ये बात अन्य राज्यों के बारे में क्यों लागू नहीं होती? जो आता है, वही महाराष्ट्र को राष्ट्रीय एकता सिखाता है।

शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र के दुश्मनों की जय जयकार करने वालों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए। बॉलीवुड नामक हिंदी सिनेमा जगत का ‘तंबू’ मुंबई में गड़ा और एक उद्योग के रूप में फैला। इस सिने जगत की नींव दादासाहेब फाल्के नामक एक मराठी मानुष ने ही रखी थी। मुंबई के हर भाषा के कलाकार आज उस वृक्ष के मीठे फल खा रहे हैं।

शिवसेना ने दिग्गज फिल्मों सितारों का जिक्र करते हुए कहा है कि हर किसी ने मुंबई को अपनी कर्मभूमि माना। मुंबई को बनाने और संवारने में योगदान दिया। पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर नहीं किया या खुद कांच के घर में रहकर दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंका, जिन्होंने फेंका उन्हें मुंबई और महाराष्ट्र का श्राप लगा।

सामना में लिखा गया है कि मुंबई को कम आंकना मतलब खुद के लिए गड्ढा खोदने जैसा है। महाराष्ट्र संतों-महात्माओं और क्रांतिकारियों की भूमि है। हिंदवी स्वराज्य के लिए, स्वतंत्रता के लिए और महाराष्ट्र के निर्माण के लिए मुंबई की भूमि यहां के भूमिपुत्रों के खून और पसीने से नहाई है। स्वाभिमान और त्याग मुंबई के तेजस्वी अलंकार हैं।