Rishi Panchami 2023 : आज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी के रूप में मनाया जाता है। यह व्रत गणेश चतुर्थी के अगले दिन किया जाता है। इस दिन 7 ऋषियों ऋषि कश्यप, ऋषि अत्रि, ऋषि भारद्वाज, ऋषि विश्वमित्र, ऋषि गौतम, ऋषि जमदग्नि और ऋषि वशिष्ठ की पूजा की जाती है और इस व्रत को पूरा किया जाता है।
मान्यता है कि जो स्त्रियां ऋषि पंचमी का व्रत रखकर ऋषियों का पूजन करती हैं वह दोष मुक्त हो जाती है। पीरियड्स के दौरान या अन्य कारण से जाने-अनजाने में हमसे कई भूल हो जाती है। इस दौरान सप्त ऋषियों की पूजा-अर्चना से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।इसलिए ऋषि पंचमी व्रत में कथा जरुर पढ़ें इसके बिना व्रत अधूरा है। जानें ऋषि पंचमी पूजा का मुहूर्त और विधि –
जानें ऋषि पंचमी शुभ मुहूर्त
भाद्रपद शुक्ल पंचमी तिथि शुरू – 19 सितंबर 2023, दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर
भाद्रपद शुक्ल पंचमी तिथि समाप्त – 20 सितंबर 2023, दोपहर 02 बजकर 16 मिनट पर
सप्त ऋषियों की पूजा का समय – सुबह 11.01 – दोपहर 01.28 तक
अवधि – 2 घंटे 27 मिनट तक
ऋषि पंचमी पूजा विधि
- ऋषि पंचमी की पूजा के लिए स्त्रियां सुबह सूर्योदय से पहले पवित्र गंगा नदी में स्नान करें या घर में पानी में गंगाजल डालकर भी नहा सकते है।
- फिर पूजा के स्थान पर गोबर से लेपन करें और चौकोर मंडल बनाकर उस पर सप्त ऋषि बनाएं।
- दूध, दही, घी, शहद और जल से सप्त ऋषि का अभिषेक करें और रोली, चावल, धूप, दीप आदि से पूजन करें।
- इसके बाद कथा सुनने के बाद घी से होम करें। इस दिन किसी ब्राह्मण को केला, घी, शक्कर, केला का दान करें। इन चीजों का दान करना शुभ माना जाता है।