केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने अपनी पार्टी आरएलजेपी को बिहार में लोकसभा चुनाव में कोई सीट आवंटन नहीं मिलने के बाद मंगलवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। यह कदम एनडीए के एलजेपी के चिराज पासवान के साथ सीट बंटवारे के बाद आया है।
जानकारी में मुताबिक पशुपति पारस ने राजद से बात चीत शुरू हो चुकी है. राजद का भी पशुपति पारस को लेकर सकारात्मक रुख है. एनडीए में अपने साथ हुए अन्याय को लेकर जनता के बीच जाने की पारस की तैयारी है. दरअसल कि बिहार में एनडीए के बीच सीटों को लेकर बंटवारा कर लिया गया है. इसके तहत बीजेपी आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार की 17 सीट, जनता दल (यूनाइटेड) 16 सीट और चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) पांच सीट पर चुनाव लड़ेगी.
वहीं सीट बंटवारे को लेकर हुए समझौते में राजग में शामिल केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के दावे को नजरअंदाज किया गया है और उसे एक भी सीट नहीं दी गई है. जिसको लेकर पशुपति पारस नाराज नजर आ रहे थे। इसी को लेकर बिहार एनडीए में दरार दिखाई दे रही है।
भाजपा मुख्यालय में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा महासचिव व बिहार मामलों के प्रभारी विनोद तावड़े ने यह घोषणा की. यह पहली बार होगा जब भाजपा को बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जद (यू) की तुलना में अधिक सीटें मिली हैं. यह कुछ महीने पहले जद(यू) और भाजपा के हाथ मिलाने के बाद समीकरणों में बदलाव को रेखांकित करता है.