इंदौर 17 मई, 2024। पीड़ित महिला की सहायता के लिये शासन ने वन स्टॉप सेंटर बनाये है। वन स्टॉप सेंटर को और उपयोगी बनाया जाये। व्यापक जागरूकता और पुलिस की सहभागिता के लिये एक सेमीनार का आयोजन भी किया जाये। संभाग के ज़िलों में जहां कहीं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के अगले छह महीने में पद रिक्त होने वाले हैं, उनकी जानकारी 30 मई तक संकलित करें। संभागायुक्त श्री दीपक सिंह ने यह निर्देश आज महिला एवं बाल विकास की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में संयुक्त संचालक डॉ. संध्या व्यास सहित विभिन्न ज़िलों के जिला कार्यक्रम अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में संभागायुक्त ने समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत संचालित बाल गृह, बालिका गृह एवं शिशु गृहों की जानकारी ली। संभागायुक्त श्री सिंह ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग का कार्य मानव सेवा पर आधारित है। अधिकारी अधिक संवेदनशीलता से काम करें। उन्होंने खंडवा ज़िले में विशेष तौर पर खालवा क्षेत्र में कुपोषण के संबंध में संघनित रूप से कार्य करने के निर्देश दिए। संभागायुक्त श्री सिंह ने संप्रेक्षण गृह एवं सुधार गृह में रह रहे युवाओं को स्किल डेवलपमेंट की गतिविधियों से जोड़ने की आवश्यकता जतायी। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि इस योजना में बुरहानपुर जिला प्रदेश में प्रथम, बड़वानी तृतीय तथा इंदौर ज़िले का 17वाँ स्थान है। बैठक में बताया गया कि गत वित्तीय वर्ष में संभाग में 50 हजार 884 बालिकाओं को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ मिला है। संभागायुक्त श्री दीपक सिंह ने एनआरसी के बेहतर संचालन के निर्देश दिए और कहा कि यदि यहाँ पर किसी भी तरह की शिकायत मिलती है तो संबंधित ब्लॉक मेडिकल ऑफ़िसर और परियोजना अधिकारी ज़िम्मेदार रहेंगे।