Indore News : दक्षिण कालीपीठ मंदिर के संबंध में धारा-144 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

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इंदौर : कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री मनीष सिंह के आदेश पर इंदौर के अम्बिकापुरी एक्सटेंशन, छोड़ परम सेक्टर, एरोड्रम रोड़ स्थित दक्षिण कालीपीठ मंदिर के संचालन तथा व्यवस्था के संबंध में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये गये हैं। जारी आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 के अंतर्गत कार्रवाई की जायेगी।

अपर जिला दण्डाधिकारी श्री अभय बेडेकर ने इस संबंध में आदेश जारी किये है। जारी आदेश के अनुसार दक्षिण कालीपीठ मंदिर 74 अम्बिकापुरी एक्सटेंशन छोड़ परम सेक्टर एरोड्रम रोड़ इन्दौर में इस समिति के सम्बंध में निर्णय के सर्वाधिकार अध्यक्ष के पास सुरक्षित रहेंगे। जिसमे मंदिर में पुजारी की नियुक्ति का निर्णय व व्यवस्था से जुड़े किसी भी निर्णय में अंतिम निर्णय अध्यक्ष का रहेगा व वह निर्णय समिति के सभी सदस्यों को मान्य होगा। मंदिर प्रांगण में कार्यक्रमो के आयोजन को लेकर समिति अपना मत अध्यक्ष के सामने रखेगी व कार्यक्रम केवल धार्मिक अनुष्ठान व इससे जुड़े ही होंगे यह सुनिश्चित रखना अध्यक्ष व समिति की जिम्मेदारी होगी।

इस समिति के समस्त कार्य चंद्रकला पूनमचंद तोषनीवाल चैरिटी ट्रस्ट जो कि एक रजिस्टर्ड पब्लिक ट्रस्ट है के अधीन रहेंगे व समिति इसके अधीन अपना सभी कार्य व निर्णय क्रियान्वित करेगी, हालांकि समिति मंदिर व प्रांगण के विषय मे व्यवस्थाओं व उससे जुड़े विषयों को लेकर अपने उद्देश्य को पूर्ण करने को स्वतंत्र रहेगी। इस समिति का गठन मंदिर की व्यवस्था को सुव्यवस्थित रखने आपराधिक प्रवृत्ति तथा असामाजिक प्रवृत्ति के लोगो से मंदिर व प्रांगण को सुरक्षित रखने, किसी भी अनुचित हस्तक्षेप को रोकना, प्रांगण के दुरूपयोग को रोकना होगा। इसके अतिरिक्त समिति के सदस्य का कोई भी व्यक्तिगत हित न रहेगा व समिति केवल मंदिर व प्रांगण के हित के लिए कार्य करेगी।

मंदिर की पूजा अर्चना व उससे जुड़ी व्यवस्था हेतु पुजारी के वेतन, पूजन सामग्री, नैवैद्य की व्यवस्था व अन्य मंदिर में आने वाले दान से की जाएगी। इसके अतिरिक्त भी अगर कोई व्यय होता है या दान-चढ़ावे में कमी होती है तो उसकी पूर्ति समिति के सदस्य एवं संरक्षक ट्रस्ट चंद्रकला पूनमचंद तोषनीवाल चैरिटी ट्रस्ट करेगी।

समिति में कुल 11 सदस्य रहेंगे जिसमे एक अध्यक्ष, एक सचिव का पद रहेगा एवं शेष समिति के सदस्य के रूप में रहेंगे। उक्त समिति के संरक्षक के रूप में चंद्रकला पूनमचंद तोषनीवाल चौरिटी ट्रस्ट के अध्यक्ष रहेंगे। उक्त समिति के सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्षों का रहेगा। उक्त कार्यकालिक समयावधि मे कोई सदस्य अपना दायित्व त्यागना चाहे, व किसी भी अन्य कारण से उसका कार्यकाल समाप्त या शून्य होता है तो संरक्षक ट्रस्ट को नए सदस्य की नियुक्ति करने का अधिकार रहेगा। इसके अतिरिक्त अगर किसी भी समय समिति का कोई भी सदस्य किसी भी ऐसे कार्य में संलिप्त पाया जाता है जो इस समिति के हेतु को क्षति पहुंचाए व इसकी छवि को क्षति पहुंचाएं तो उस स्थिति में संरक्षक ट्रस्ट को उस सदस्य को तुरंत प्रभाव से हटाने का अधिकार रहेगा व संरक्षक का निर्णय अंतिम व सर्वमान्य होगा।

यह समिति केवल और केवल मंदिर व इससे जुड़ी व्यवस्थाओं के संचालन हेतु चंद्रकला पूनमचंद तोषनीवाल ट्रस्ट के अधीन गठित की गई है। इसमें किसी भी सदस्य कोई व्यक्तिगत हित नही है। वर्तमान में सुविधा की दृष्टि से 11 सदस्यों की समिति गठित की जा रही है। समयानुसार व आवश्यकतानुसार इसमें सदस्यों को घटाया या बढाया जा सकेगा जिसका निर्णय पूर्णतः ट्रस्ट के अधीन होगा।