उज्जैन: जिला प्रशासन ने महाकाल मंदिर में लगाए गए सभी प्रतिबंध को हटाने का फैसला लिया है। ये प्रतिबंध कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लगाए गए थे लेकिन बुधवार से इन्हें हटा दिया गया है। बता दें कि महाकाल देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में से प्रमुख है तथा यहां हर दिन ही हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते है लेकिन कोरोना की रोकथाम के लिए मंदिर में विभिन्न प्रतिबंध लगाए गए थे, जिन्हें बुधवार से पूरी तरह हटा दिया गया है।
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अब नहीं देना होगा शुल्क –
बीते दिनों मंदिर में वीआईपी दर्शर करने के लिए दर्शनार्थियों को निर्धारित शुल्क देना होता था, परंतु अब इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए शुल्क नहीं लेने का निर्णय लिया गया है। अभी तक सौ रूपए शुल्क था। हालांकि वीआईपी दर्शनार्थियों के प्रवेश हेतु कुछ शर्ते भी लागू है लेकिन शुल्क देने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है।
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गर्भगृह में भी जा सकेंगे –
मंदिर प्रशासन के अध्यक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सप्ताह में तीन दिन छोड़कर आम श्रद्धालु मंदिर के गर्भगृह में जाकर बाबा महाकाल के दर्शन लाभ प्राप्त कर सकेंगे। जिन तीन दिनों में गर्भगृह में प्रवेश नहीं दिया जाएगा उनमें शनिवार रविवार व सोमवार शामिल है। हालांकि भीड़ अधिक होने की स्थिति में प्रवेश भी रोक दिया जाएगा। इसके अलावा इन तीन दिनों में दर्शनार्थी 1500 रूपए की रसीद कटवाकर गर्भगृह में जाकर दर्शन किए जा सकते है।