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क्या है जीवन में ज्योतिष का महत्व

rashi

एक ओर जहां मां बाप भगवान का दूसरा रुप माने जाते हैं तो वहीं अब ऐसी भी खबरे सुनने में आती है जहां कोई बेटा अपने ही माता पिता का खुन तक कर देता है। जिस बेटे को माता पिता ना सिर्फ जन्म देते हैं बल्कि उसकी खुशी और चाहत के लिए वे अपनी जिंदगी तक कुर्बान कर देते हैं।

ऐसे में किसी दिन मां बाप का ही खुन कर देने वाली संतान के आंखों में आक्रोश किसे नहीं आएगा। ऐसे भयानक कृत्य के पीछे वजह चाहे जो हो लेकिन इसे नकारा नहीं जा सकता कि अब संतान जन्म देने से पहले माता पिता को अपनी जिंदगी के बारे में भी सोच लेना चाहिए।

आज इसका कारण कुछ भी हो लेकिन ज्योतिषिय दृष्टि से देखा जाए तो इन सब के पीछे कहीं न कहीं मनो दशा भी जिम्मेदार है। ज्योतिषिय गणनाओं के अनुसार जब मानव के जीवन में राहु जैसे ग्रहों का भूचाल आता है तो मनो दशा तो बिगड़ ही जाती है।

राहु की बुरी नजर रावण जैसे महाज्ञानी तक को भी छोड़ पाई। ग्रहों के हेरफेर का इंसान पर गहरा असर डालती है। ऐसे में ग्रहों की दशा को लेकर ओशो ने तो यह कहा है की मानव का जब जन्म होता है तो ग्रहों की जिस धुन को वह जन्म लेते ही सुनता है वही धुन जीवन भर उस पर अपना प्रभाव रखती है। ओशो के मुताबिक जब इस संगीत में बदलाव आता है तो इस का सब से अधिक असर इंसान के दिमाग पर होता है।

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